Lok Niwas: दिल्ली के 'राज निवास' का बदला नाम, 3 दिसंबर से उपराज्यपाल का फैसला लागू

LG VK Saxena
X
दिल्ली एलजी वीके सक्सेना।
दिल्ली के 'राज निवास' का नाम बदलकर 'लोक निवास' कर दिया गया है। आज से फैसला लागू हो चुका है।

LG Order: दिल्ली के 'राज निवास' का नाम बदल दिया गया है। अब ये लोक निवास के नाम से जाना जाएगा। गृह मंत्रालय के 25 नवंबर 2025 के आदेश के बाद 3 दिसंबर को ये आदेश लागू किया जा चुका है। ये आदेश लागू होने के बाद अब इसे आधिकारिक तौर पर लोक निवास कहा जाएगा। इस बदलाव की जानकारी राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट, सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्री कार्यालयों के साथ ही अन्य विभागों को भी दे दी गई है। कहा जा रहा है कि इन नामों को बदलने के पीछे सरकार का उद्देश्य शासन में राज की जगह लोक और सेवा की भावना को प्राथमिकता देना है।

हालांकि देशभर के राजभवनों का नाम बदलकर 'लोक भवन' कर दिया गया है। बुधवार को शून्यकाल के दौरान राज्यसभा में गृह मंत्रालय के 25 नवंबर के निर्देश का मुद्दा उठा। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सदस्य डोला सेन ने नाम बदलने का मुद्दा संसद में उठाया। इस पर काफी नोकझोंक भी हुई। डोला सेन ने ये मुद्दा उठाते हुए कहा, 'सबसे पहले हम यह कहना चाहते हैं कि न तो संसद, विधानसभा और न ही मंत्रिमंडल को इसकी जानकारी है। वे इस पर चर्चा नहीं कर रहे हैं।'

बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने जब से पदभार संभाला है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज निवास केवल एक संवैधानिक पद का आवास नहीं, बल्कि जन-सरोकारों का केंद्र होना चाहिए। इसी उद्देश्य के साथ उन्होंने 'संवाद' जैसी पहल शुरू की। इस संवाद से व्यावहारिक रूप से 'राज निवास' को लोक निवास में कब्दील कर दिया गया। हालांकि अब इसका नाम आधिकारिक तौर पर भी बदल दिया गया है। एलजी का कहना है कि इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य है कि प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को मिटाया जा सके। बता दें कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि 8 राज्यों के राजभवनों के नाम बदले गए हैं।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story