Yashwant Verma Case: जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग प्रस्ताव को लेकर बोले किरेन रिजिजू, आमराय बनाने की कोशिश जारी!

Yashwant Verma Case: कुछ समय पहले दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर के कमरे में आग लग जाने के बाद भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस मामले में तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना की ओर से बनाई गई जांच कमेटी की रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के ऊपर लगाए गए आरोप सही पाए गए थे।इसके बाद जस्टिस खन्ना ने जस्टिस वर्मा के सामने इस्तीफे का विकल्प रखा था। हालांकि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया और अब इस मामले में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है। आगामी मानसून सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसके लिए संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू को जिम्मेदारी दी गई है कि वे सभी दलों में आमराय बनाएं।
महाभियोग प्रस्ताव पर बोले मंत्री किरेन रिजिजू
दिल्ली HC के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। इसलिए इस मामले में किसी तरह की राजनीति की गुंजाइश नहीं है। इस मामले में हम एकजुट रुख रखना चाहेंगे। संसद में इस मामले पर चर्चा करने के लिए पक्ष और विपक्ष सबको एक साथ आना होगा। इसलिए मैं सबके साथ बातचीत कर आम सहमति बना रहा हूं। इस मामले को लेकर मैंने प्रमुख नेताओं के साथ चर्चा शुरू कर दी है।'
महाभियोग प्रस्ताव पारित करने का नियम
जानकारी के अनुसार, किसी भी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए नियम है कि राज्यसभा में 50 सांसदों और लोकसभा में 100 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए। इसके बाद संबंधित सदन के कुल सदस्यों की संख्या के आधे से ज्यादा और सदन में उपस्थित सांसदों के दो तिहाई बहुमत के साथ महाभियोग प्रस्ताव को पारित किया जा सकता है।
मानसून सत्र में पारित हो सकता है महाभियोग प्रस्ताव
अगर सरकार की कोशिश सफल रहती है, तो मानसून सत्र के दौरान सर्वसम्मति से जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित हो सकता है। इस मामले में तत्कालीन सीजेआई द्वारा नियुक्त की गई तीन सदस्यीय समिति आरोपों की जांच कर रिपोर्ट पेश कर चुकी है। ऐसे में नई कमेटी का गठन नहीं किया गया था।
