JNU Student Missing Case: 'आखिरी सांस तक करूंगी इंतजार...', 9 साल से लापता छात्र नजीब की मां बोलीं, SC जाने को भी तैयार

Fatima Nafees, mother of missing JNU student Najeeb Ahmed
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जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस। 

JNU Student Missing Case: साल 2016 में लापता हुए JNU छात्र की फातिमा नफीस ने कहा कि वह आखिरी सांस तक अपने बेटे का इंतजार करेंगी। उनका कहना है कि वह न्याय पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जाने को तैयार हैं।

JNU Student Missing Case: साल 2016 में लापता हुए JNU छात्र नजीब अहमद का केस बंद कर दिया गया है। मंगलवार को दिल्ली के कोर्ट ने CBI के क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। वहीं, नजीब की मां फातिमा नफीस का कहना है कि वह आखिरी सांस तक अपने बेटे का इंतजार करेंगी। अगर उन्हें न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना होगा, तो वह कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगी। उन्होंने कहा कि भविष्य की कार्रवाई के बारे में विचार करने के लिए वह अपने वकीलों से बात करेंगी। नजीब के लापता होने के मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन में भी शामिल रही हैं।

बता दें कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के फर्स्ट ईयर का छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को लापता हो गया था। उसके बाद से ही तलाश की जा रही थी, लेकिन कोई सबूत नहीं मिले। इसके चलते CBI ने दिल्ली के एक कोर्ट में एस केस की क्लोजर रिपोर्ट पेश की, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी। CBI की ओर से कहा गया कि सभी विकल्प आजमा लिए गए हैं। इसके बावजूद नजीब के लापता होने से जुड़ी कोई ठोस जानकारी या सबूत नहीं मिल सके।

पुलिस और CBI पर लापरवाही का आरोप
इस मामले में छात्र नजीब अहमद की मां नफीस ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस और CBI पर अपने लापता बेटे के मामले में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उनकी लड़ाई नहीं, बल्कि हर उस मां की है जो अपने बच्चे के लिए न्याय की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि वह न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जाने को तैयार हैं। नफीस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, 'मेरे नजीब को लापता हुए (लगभग) 9 साल हो गए हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस और CBI ने पहले दिन से ही जो लापरवाही दिखाई, उसी वजह से आज यह नौबत आई है कि अदालत ने केस बंद करने की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है।' उन्होंने लिखा,'कई बार मैं खुद से पूछती हूं कि मैं उम्मीद कैसे छोड़ सकती हूं? मैं अपनी हिम्मत कैसे टूटने दे सकती हूं? आखिर वह मेरा बेटा है। मुझे अपना बेटा वापस चाहिए।'

फिर से खुल सकता है केस?
30 जून को कोर्ट ने इस केस को बंद करने की मंजूरी देते हुए कहा कि अदालत को इस बात का खेद है कि इस मामले में कार्यवाही क्लोजर रिपोर्ट के साथ खत्म हो गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि अगर नजीब अहमद के बारे में कोई भी जानकारी मिलती है, तो फिर से जांच शुरू किया जा सकता है। बता दें कि CBI ने साल 2018 में ही नजीब की तलाश बंद कर दी थी, क्योंकि एजेंसी को लापता छात्र के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी।

कब से लापता है छात्र?
बता दें कि नजीब साल 15 अक्टूबर 2016 को JNU के माही-मांडवी हॉस्टल से लापता हुआ था, जिसके बाद से अभी तक अहमद के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो नजीब के लापता होने से एक रात पहले कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े कुछ छात्रों के साथ हाथापाई हुई थी।

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