वायु प्रदूषण के बहाने 'जंग' की तैयारी: हिडमा जिंदाबाद करने वालों में JNU के छात्र भी शामिल? अमित मालवीय का दावा

Delhi Police
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इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने वालों में जेएनयू के छात्र भी आए थे नजर। 
दिल्ली वायु प्रदूषण के खिलाफ रविवार को इंडिया गेट पर प्रदर्शन हुआ। शुरुआत में लगा कि पर्यावरण की चिंता करने वाले इकट्ठा हुए हैं, लेकिन यह सच नहीं था। पढ़िये रिपोर्ट...

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया। शुरुआत में प्रदर्शनकारी 'एक्यूआई 400 पार, कहां गई मोदी सरकार' जैसे नारे गूंजने लगे। लेकिन, कुछ देर बाद खूंखार नक्सली माडवी हिडमा के पोस्टर लहराए जाने लगे और नारे लगने लगे 'कितने हिडमा मारोगे, हर घर से हिडमा निकलेगा', 'लाल सलाम...लाल सलाम।' पुलिस ने अब जांच शुरू की तो इस प्रायोजित प्रदर्शन के तार जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से जुड़े बताए जा रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेएनयू के वामपंथी छात्रों ने 9 नवंबर 2025 को भी वायु प्रदूषण के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष अदिति मिश्रा और आइसा अध्यक्ष समेत कई स्टूडेंट्स को हिरासत में लिया गया था। उस वक्त वह प्रदर्शन सिटीजंस ऑफ दिल्ली के नाम पर हुआ था। लेकिन, आरोप लग रहा है कि इस बार का प्रदर्शन पूरी तरह से वामपंथी छात्रों द्वारा प्रायोजित था। नतीजा यह हुआ कि पुलिस को हिंसा का सामना करना पड़ा।

23 आरोपी गिरफ्तारी

ताजा रिपोर्ट के अनुसार इंडिया गेट पर प्रदर्शन मामले में दिल्ली के दो अलग-अलग पुलिस थानों में केस दर्ज किए गए हैं। अभी तक 23 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बता दें कि नक्सली कमांडर माडवी हिडमा को हाल में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था। उसने कई नक्सली वारदातों को अंजाम दिया था। वह 76 सीआरपीएफ जवानों को ब्लास्ट करके उड़ाने की वारदात में भी शामिल था।

अमित मालवीय ने AAP पर साधा निशाना

भाजपा के नेशनल इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के इंचार्ज अमित मालवीय ने न्यूज एजेंसी एएनआई के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि ये चेहरे जान पहचाने हैं, जेएनयू के वामपंथी छात्र संघों के वही अपराधी छात्र कार्यकर्ता। उन्होंने कहा कि सर्दियों में दिल्ली का AQI निस्संदेह चिंता का विषय है, लेकिन यह भी एक तथ्य है कि इस साल की वायु गुणवत्ता पिछले 10 वर्षों की तुलना में काफी बेहतर रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि केंद्र के निर्णायक हस्तक्षेप के बाद उत्तर भारत में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। फिर भी, आप शासित पंजाब सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाला राज्य बना हुआ है।

उन्होंने आप पर तंज कसते हुए कहा कि दिलचस्प बात यह है कि पिछले एक दशक से दिल्ली में एक शहरी नक्सली मुख्यमंत्री था और शहर के साल-दर-साल दम घुटने के बावजूद, स्वच्छ हवा की मांग को लेकर कोई बड़ा विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। लेकिन, जैसे ही भाजपा दिल्ली में सत्ता में आई, अचानक "कार्यकर्ता" प्रदूषण के नाम पर विरोध प्रदर्शन करने लगे। ये विरोध प्रदर्शन स्पष्ट रूप से एक प्रतिगामी कम्युनिस्ट एजेंडे से प्रेरित हैं, न कि पर्यावरण संबंधी चिंता से। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 को नक्सलियों का अंत हो जाएगा।

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