ITBP Constable Exam Paper Leak: आईटीबीपी पेपर लीक कांड का पर्दाफाश, 3 डायरेक्टर समेत 5 गिरफ्तार

ITBP Recruitment Paper Leak Case: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आईटीबीपी पेपर लीक कांड मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्री के 3 डायरेक्टरों को कोलकाता से गिरफ्तार किया है। इसके अलावा एक कंसल्टेंट और एक प्रिंटर को दिल्ली से पकड़ा गया है।
यह मामला जनवरी 2021 का है, जब देश के 13 शहरों में आईटीबीपी कांस्टेबल (ट्रेड्समैन) का रिटन एग्जाम हुआ था। इस एग्जाम में 46 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। इस एग्जाम के शुरू होने से पहले ही व्हाट्सएप पर पेपर वायरल हो गया था। जांच में पता चला कि वायरल पेपर बिल्कुल असली प्रश्न पत्र जैसा ही था।
ये आरोपी पकड़े गए
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आईटीबीपी पेपर लीक मामले का पर्दाफाश करते हुए कुल 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें तीन डायरेक्टर अमिताव रॉय, जयदीप गोस्वामी और शुभेंदु कुमार पॉल शामिल हैं। इसके अलावा आईआईपी के कंसल्टेंट रोहित राज और प्रिंटर धर्मेंद्र को भी पकड़ा गया है।
क्या है पूरा मामला?
आईटीबीपी कॉन्स्टेबल एग्जाम पेपर लीक मामले में लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। आईटीबीपी भर्ती के कमांडेंट कुशल कुमार ने इसकी शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत में कहा गया कि आईटीबीपी ने विभिन्न पदों की लिखित परीक्षा के लिए कोलकाता की एक एजेंसी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्री (आईआईपी) को जिम्मेदारी सौंपी थी। आईआईपी को टेंडर प्रक्रिया के तहत यह जिम्मेदारी मिली थी। इसमें एग्जाम के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने से लेकर प्रिंटिंग और ओएमआर शीट डिजाइन, पैकिंग और परीक्षा कराने की पूरी जिम्मेदारी शामिल थी।
#WATCH | Delhi PoliceCrime Branch has arrested five persons including three Directors of the Indian Institute of Psychometry in connection with the ITBP Constable Exam leak case of 2021, currently under investigation by the Crime Branch. All three directors were arrested from… pic.twitter.com/H6jXgMxt8o
— ANI (@ANI) September 25, 2025
10 जनवरी 2021 को आईटीबीपी कॉन्स्टेबल (ट्रेड्समैन) पद के लिए पूरे देश के 13 शहरों में एग्जाम कराए गए। उसी दिन एग्जाम शुरू होने से पहले ही पेपर व्हाट्सएप पर वायरल हो गया। जांच करने पर वायरल पेपर असली पेपर दोनों एक जैसे थे। इस पर आईटीबीपी ने आंतरिक जांच शुरू की, जिसमें पेपर लीक की पुष्टि हुई। इसके बाद मामला दर्ज किया गया।
कैसे पकड़े गए आरोपी?
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। इसके लिए आईटीबीपी और आईआईपी से जवाब मांगा गया। साथ ही दस्तावेज जब्त कर कर्मचारियों से पूछताछ की गई। इस दौरान पता चला कि आईआईपी के डायरेक्टर अमिताव रॉय अपने सहयोगियों के साथ मिलकर किसी दूसरी कंपनी को एग्जाम की जानकारी भेज रहे थे। पुलिस ने कई बार इन लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा, लेकिन वे जांच में शामिल नहीं हुए। सभी आरोपी लगातार पुलिस की जांच से बचते रहे।
आखिरकार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने स्पेशल टीम बनाई और 19 सितंबर को कोलकाता में छापेमारी कर तीनों डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को कोर्ट में पेश करके 48 घंटे के ट्रांजिट रिमांड लिया गया। इसके बाद पूछताछ में पता चला कि उनके साथ कंसल्टेंट और प्रिंटर भी शामिल थे। उन दोनों को पुलिस ने 24-25 सितंबर की रात को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।
