Mathura Kashi Issue: मथुरा-काशी मामले पर बहस... इस्लामिक स्कॉलर कासमी ने कर दी ये अपील

Mathura Kashi issue
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इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती वजाहत कासमी

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मथुरा काशी आंदोलन को समर्थन देने से मना कर दिया है। उनके इस बयान पर इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती वजाहत कासमी का रिएक्शन सामने आया है। पढ़िये क्या कहा?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मथुरा और काशी आंदोलन का समर्थन नहीं करेगा। आरएसएस मोहन भागवत के इस बयान के बाद से बहस शुरू हो चुकी है। कई लोग आरएसएस प्रमुख के बयान को सही ठहरा रहे हैं, वहीं कुछ लोग आलोचना भी कर रहे हैं। इस बहसाबहसी के बीच इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती वजाहत कासमी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।

मीडिया से बातचीत में कासमी ने कहा कि मैंने हमेशा से मथुरा और काशी के मामले में यही कहा है कि संघ का विचार उनका अपना मामला है। लेकिन, भारतीय मुसलमानों से भी कुछ बिंदुओं पर लगातार अपील कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और हमने इस फैसले को खुशी खुशी स्वीकार किया। वहां पर राम मंदिर बना और हमने सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारे हिंदू सनातनी भाई खुश हैं, जो कि अच्छी बात है। ऐसे ही मथुरा और काशी के मामले में संतों और विद्वानों को मिल बैठकर इस मामले को सुलझाना चाहिए।

मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने बयान को सराहा

बरेली से मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने आरएसएस प्रमुख के बयान को सराहा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कल कुछ ऐसी बातें कहीं, जो गंभीर और सकारात्मक सोच को दर्शाती हैं। मोहन भागवत हमेशा सकारात्मक बातें करते रहे हैं। यह पहली बार नहीं है, जब उन्होंने इस तरह का बयान दिया हो। कई मौकों पर उन्होंने समाज को जोड़ने और राष्ट्र को मजबूत करने वाले विचार साझा किए हैं। इस तरह के बयान हमें सुनने और समझने चाहिए।

मथुरा काशी पर दिया था ये बयान

आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दिल्ली में तीन दिवसीय विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कार्यक्रम के अंतिम दिन मोहन भागवत ने स्पष्ट किया कि आरएसएस के स्वयंसेवक ऐसे आंदोलनों में शामिल होने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने राम मंदिर आंदोलन का समर्थन किया था, लेकिन अब किसी ऐसे आंदोलन का समर्थन नहीं करेगा। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया था कि अगर स्वयंसेवक अपनी इच्छा से ऐसे आंदोलन में शामिल होते हैं, तो इसमें किसी तरह की आपत्ति नहीं है।

हिंदू-मुस्लिम एकता की पुरजोर वकालत की

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत में इस्लाम हमेशा एक स्थान रहेगा। उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि संघ किसी पर भी, धार्मिक आधार पर हमला करने में विश्वास नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि धर्म व्यक्तिगत पसंद का मामला है और इसमें किसी तरह के प्रलोभन या जोर जबरदस्ती से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

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