Delhi News: दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, अब मामूली अपराध में नहीं देना होगा जुर्माना, करनी होगी सामुदायिक सेवा

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Delhi News: दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसमें मामूली अपराधियों को अब जेल नहीं, बल्कि सामुदायिक सेवा की सजा दी जाएगी। इस फैसले की नीति को अपराधियों में सुधार और पुनर्वास की सोच को बढ़ावा देने के लिए लागू किया जा रहा है।

Delhi News: दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने जुलाई 2024 में मामूली अपराध में पकड़े गए आरोपियों को बार-बार जेल भेजने या जुर्माना देने की बजाय अब सामुदायिक सेवा करने की सजा दी जाएगी। सरकार का कहना है कि इस नीति से अपराधियों के मानसिक सुधार को बढ़ावा देने और गलत सोच को ठीक करने के साथ खुद को बदलने की दिशा में एक बेहतर प्रयास है।

द हिंदूस्तान टाइम्स के अनुसार, इन आरोपियों की लिस्ट में अवैध ठेला लगाना, सरकारी दफ्तरों में घुसना, 5000 रुपए तक की चोरी, सार्वजनिक जगहों पर अभद्रता जैसे अपराधी शामिल हैं।

सामुदायिक सेवा में तय की गई सेवाएं

इस नई नीति के तहत अब अपराधियों को सार्वजनिक सेवा के अंदर स्वच्छता कार्य, जनसेवा के कार्य जैसे सामाजिक उपयोगी कार्यों में लगाने का आदेश दे सकेंगी। अब तक इस तरह के सामुदायिक सेवा का प्रावधान केवल अदालतों के विवेक पर आधारित था, अब आरोपी पक्ष भी इसे दंड के रूप में अपनाएगा। सरकार के इस फैसले को भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत वैधानिक रूप से मान्यता दी गई है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने हाल ही में अधिसूचना भी जारी कर दी है।

सरकार की इस नीति का उद्देश्य जेलों का बोझ घटाना, अदालतों को विकल्प देना और दोषियों को समाज के जिम्मेदारी की भावना को विकसित करना है। सरकार का कहना है कि 2023 में द्वारका में इसका एक पायलट प्रोजेक्ट किया गया था जिसमें चार मामलों को सफलतापूर्वक सामुदायिक सेवा से हल किया गया।

वहीं, कानून विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के इस कदम से अपराध और न्याय व्यवस्था के साथ मानवीय और सुधार की दिशा में भी बदलाव आ सकता है। ये सामुदायिक सेवा सजा का एक ऐसा तरीका है, जिसमें अपराधी समाज के लिए बिना वेतन के काम करता है।

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