संदीपा विर्क पर ईडी का शिकंजा: 1M से ज्यादा फॉलोअर्स वाली ब्यूटी इनफ्लुएंसर गिरफ्तार, जानें मामला

Influencer Sandeepa Virk Arrested
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संदीपा विर्क गिरफ्तार।

Sandeepa Virk: इंस्टाग्राम स्टार और ब्यूटी इनफ्लुएंसर संदीपा विर्क को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि उन्होंने गलत जानकारी देकर लोगों के साथ ठगी की है।

Sandeepa Virk: सोशल मीडिया पर ब्यूटी इनफ्लुएंसर के नाम से फेमस संदीपा विर्क के 12 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वो 'एंटरप्रेन्योर' और एक्ट्रेस के तौर पर काम करती हैं और सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। हाल ही में ईडी ने संदीपा विर्क को गिरफ्तार किया। जानकारी के अनुसार, ये गिरफ्तारी 40 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई।

संदीपा पर आरोप है कि उन्होंने लोगों से झूठे वादे किए और उन्हें गलत जानकारी देकर उनके साथ ठगी की है। इस मामले में ईडी ने दिल्ली और मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान सामने आया कि संदीपा विर्क ने धोखाधड़ी से संपत्ति हासिल की है।

पंजाब के मोहाली में एक पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 406 और 420 (आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया। संदीपा पर आरोप है कि उन्होंने गलत जानकारी और धोखाधड़ी के जरिए लोगों से पैसे लिए। धोखाधड़ी से ही अचल संपत्ति भी हासिल की।

जानकारी के अनुसार, संदीपा ने खुद को एक वेबसाइट का मालिक बताया, जिसके जरिए FDA-अप्रूव्ड ब्यूटी प्रोडक्ट्स बेचने का दावा किया गया था। जांच में सामने आया कि इस वेबसाइट पर रजिस्टर्ड प्रोडक्ट्स नकली थे। साथ ही वेबसाइट पर यूजर रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन भी नहीं था। इसके अलावा लोग पेमेंट करने में भी काफी परेशानियां फेस कर रहे थे। इस वेबसाइट के बारे में सोशल मीडिया पर भी जानकारी न के बराबर ही थी। वेबसाइट पर दिया गया व्हाट्सएप नंबर भी बंद था और कंपनी के बारे में कोई जानकारी भी नहीं दी गई थी।

इस मामले में ईडी ने बताया कि ये पूरा जाल गलत तरीके से पैसे को इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया था। ईडी को शक है कि ये कारोबार केवल दिखावे के लिए था। असल में इसका इस्तेमाल पैसों को इधर-उधर करने का जरिया था।

बता दें कि ईडी की जांच में पता चला कि संदीपा ने फर्जी तरीके से प्रॉपर्टी खरीदी और खुद को हाईबोकेयर नाम की वेबसाइट का ऑनर बताया। इस साइट पर FDA अप्रूव्ड ब्यूटी प्रोडक्ट बेचने का दावा किया गया। इस वेबसाइट पर प्रोडक्ट मौजूद नहीं थे। साइट पर रजिस्ट्रेशन और पेमेंट गेटवे सिस्टम बार-बार फेल हो रहा था। इसके बारे में सोशल मीडिया पर भी जानकारी नहीं था।

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