'घर वापसी' का इंतजार: पाकिस्तानी रक्षांदा ने नरक में गुजारे 90 दिन, अब मिली भारत आने की इजाजत

पाकिस्तानी रक्षांदा राशिद को भारत आने की मिली इजाजत
भारत सरकार ने पाकिस्तानी महिला रक्षांदा राशिद को 'घर वापसी' की इजाजत दे दी है। रक्षांदा राशिद को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत छोड़ना पड़ा था। लेकिन, पाकिस्तान जाने से पहले उसने जम्मू -कश्मीर एंड लद्दाख हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पाकिस्तान न जाने की दलील दी थी। अब गृह मंत्रालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने अदालत को बताया है कि 63 वर्षीय रक्षांदा राशिद को विजिटर वीजा देने का फैसला ले लिया गया है।
रक्षांदा के परिजनों ने जताई खुशी
रक्षांदा राशिद की घर वापसी की खबर से परिजन बेहद खुश हैं। परिजनों का कहना है कि रक्षांदा को पाकिस्तान जाना पड़ा, उस वक्त उनके पास सिर्फ 50 हजार रुपये थे। पाकिस्तान में उन्हें होटल में रहना पड़ा। वहां सब चीजें महंगी हैं। पाकिस्तान में गुजारे 95 दिनों ने उनके बटुए को खाली कर दिया है। परिवारवालों का कहना है कि वो आर्थिक रूप से नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी टूटने लगी थी। अब उनकी घर वापसी की खबर से उनके चेहरे पर मु्स्कान है। जल्द उम्मीद हैं कि वे जल्द भारत आकर दोबारा से अपनी गृहस्थी संभाल लेंगी।
पाकिस्तान में कोई भी करीबी रिश्तेदार नहीं
रक्षांदा राशिद 1990 में विजिटर वीजा पर जम्मू कश्मीर आई थी। यहां उनकी गृहस्थी बस गई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने 25 अप्रैल को सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तानियों को देश छोड़ने का फरमान सुना दिया था। इनमें रक्षांदा राशिद भी शामिल थीं। उन्होंने कई दलीलें दीं, लेकिन एक भी दलील नहीं सुनी गई। रक्षांदा राशिद के परिजनों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने कोर्ट में भी अर्जी लगा दी थी, लेकिन सुनवाई होती, उससे पहले ही दबाव के चलते पाकिस्तान जाना पड़ा।
मां के बारे में सोचकर नींद नहीं आती
मीडिया से बातचीत में रक्षांदा राशिद की बेटी फातिमा ने कहा कि उनकी मां पाकिस्तान में खुद को अकेला महसूस कर रही है। उनकी सेहत को लेकर हमेशा चिंता बनी रहती है, नींद भी नहीं आती है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने तथ्यों को तोड़ा मोड़ा न होता तो उनकी मां को पाकिस्तान नहीं जाना पड़ता। अब उनकी वापसी की खबर सामने आई है। उन्होंने इसके लिए अदालत और सरकार का आभार जताया है।
