Covid Updates: भारत में कोविड के 4 सब-वैरिएंट, 1 मचाने लगा अमेरिका में तबाही, जानें दिल्ली के लिए कितना खतरनाक?

India found 4 sub variant
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भारत में मिले 4 वैरिएंट में से एक वैरिएंट ने अमेरिका पर भी कहर ढाना शुरू कर दिया है। 

भारत में ओमिक्रॉन के 4 सब वैरिएंट मिले हैं। इनमें से एक वैरिएंट ऐसा है, जिसने एक सप्ताह में 350 अमेरिकियों की जान ले ली है। पढ़िये इन सभी वैरिएंट के बारे में...

दिल्ली समेत भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। राजधानी की बात करें तो अभी तक 104 संभावित मरीजों की पहचान हो चुकी है। इसके बाद भारत में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 1000 के आसपास पहुंच गई है। अभी तक भारत में कोविड के 4 सब वैरिएंट मिले हैं। इनमें से एक वैरिएंट ऐसा है, जो कि अमेरिका में कहर बरपाने लगा है। इसने एक सप्ताह में 350 अमेरिकियों की जान ले ली है। जानिये इस वैरिएंट के बारे में, जो दिल्ली में भी तबाही मचा सकता है। साथ ही, अन्य तीन वैरिएंट की प्रकृति भी बताएंगे कि वे इंसानों के लिए खतरनाक हैं या नहीं। सबसे पहले बात करते हैं, उन वैरिएंट के बारे में, जिनकी भारत में मौजूदगी मिली है।

भारत में मिले ओमिक्रॉन के 4 सब वैरिएंट

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में ओमिक्रॉन के 4 सब वैरिएंट मिले हैं। इनमें जेएन.1 (JN.1), एनबी.1.8.1 (NB.1.8.1), एलएफ.7 (LF.7) और एक्सएफजी (XFG) वैरिएंट मिले हैं। कल तक इन सभी वैरिएंट को ज्यादा खतरनाक नहीं बताया जा रहा था। लेकिन, अमेरिकी मीडिया से आई खबर ने चौंका दिया है। सीडीसी के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले एक सप्ताह में कोरोना ने 350 अमेरिकियों की जान ले ली है। इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे थे, जो कि उच्च जोखिम वाले समूह से थे। इनमें से ज्यादा की मौत के लिए एनबी.1.8.1 को जिम्मेदार पाया गया है।

एनबी.1.8.1 में A435S, V445H और T478I नामक स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यह मानव कोशिकाओं में जुड़ने की अधिक क्षमता है। इसकी वजह से यह अधिक संक्रामक बना सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारी इस सब वैरिएंट की खास निगरानी कर रहे हैं।

जेएन.1 वैरिएंट कितना खतरनाक

सबसे पहले जेएन.1 वैरिएंट की बात करते हैं। यह दक्षिण पूर्व एशिया में इसी वैरिएंट की वजह से कोविड के मामलों में इजाफा हुआ है, जो कि ओमिक्रॉन BA.2.86 वैरिएंट का वंशज है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो JN.1 वैरिएंट के लगभग 30 म्यूटेशन हैं। इनमें से LF.7 और NB.1.8 हैं। हाल में इन कॉमन वैरिएंट के मामले सामने आए हैं। BA.2.86 तो तेजी के साथ फैलता है।

दिल्ली में भी JN.1 वैरिएंट के मरीज मिले हैं। अभी तक 104 संभावित मरीज मिले हैं। दिल्ली सरकार ने लोगों को कोविड प्रोटोकॉल अपनाने की अपील कर दी है। लेकिन, इसे अभी तक खतनाक नहीं माना है। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने भी कहा है कि कोविड को लेकर अभी तक कोई भी चिंताजनक या आपातकालीन स्थिति नहीं है। स्थिति कंट्रोल में है, हमने सभी अस्पतालों को कोविड के मद्देनजर अलर्ट मोड पर रखा है।

एलएफ.7 और एक्सएफजी वैरिएंट

जेएन.1 वैरिएंट का सब लीनेज एलएफ.7 भारत में सबसे प्रभावी स्ट्रेन बना है। डब्ल्यूएचओ इसकी निगरानी कर हा है। लेकिन अभी तक इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न या वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट में वर्गीकृत नहीं किया है। इसके अलावा एक्सएफजी भी ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट बताया गया है, लेकिन यह कितना खतरनाक है, इसके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इन सभी वैरिएंट की निगरानी रखी जा रही है, जिसके बाद पता चलेगा कि इनमें से कौन सा वैरिएंट ज्यादा खतरनाक है। बहरहाल, लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए ताकि इनसे बच सकें।

आईएमएमआर ने क्या कहा?

आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक का कहना है कि पश्चिमी और दक्षिणी भारत के नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चला है कि नए वैरिएंट गंभीर नहीं है। यह एलएफ.7, एक्सएफजी सीरीज, जेएन.1 सीरीज और एनबी.1.8.1 सीरीज हैं। उन्होंने कहा कि मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन चिंता करने की बात नहीं है। हम नए वैरिएंट की पहचान करने के लिए अन्य क्षेत्रों से भी नमूनों का अनुक्रमण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सतर्क हैं और लोगों को भी सतर्क रहना चाहिए।

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