Delhi E-Waste Eco Park: दिल्ली में भारत का पहला ई-वेस्ट इको पार्क, 11.4 एकड़ एरिया, 350 करोड़ का राजस्व, मिलेंगे हजारों रोजगार

Indias first e-waste eco park to be built in Delhi
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दिल्ली में बनेगा भारत का पहला ई-वेस्ट इको पार्क

Delhi E-Waste Eco Park: देश का पहला ई-वेस्ट इको पार्क दिल्ली में बनाया जाने वाला है। इसके लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जानें इस पार्क की खासियत...

Delhi E-Waste Eco Park: राजधानी दिल्ली में देश का पहला इलेक्ट्रॉनिक-वेस्ट इको पार्क बनाने की तैयारी की जा रही है। यह पार्क दिल्ली के होलंबी कलां में 11.4 एकड़ के एरिया में बनाया जाएगा। इससे इलेक्ट्रॉनिक कचरे का सही ढंग से निपटान किया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि इको पार्क सालाना 51 हजार मीट्रिक टन ई-वेस्ट का प्रोसेसिंग करेगा। इसमें वे सभी 106 कैटेगरी शामिल होंगी, जो कि ई-वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2022 के तहत लिस्टेड हैं।

मंत्री मनजिंदर सिरसा ने कहा कि इससे सालाना करीब 350 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व होने की उम्मीद है। बता दें कि इस इको पार्क की पहल सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में की जा रही है। वहीं, मंत्री सिरसा तथा दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DSIIDC) की ओर से इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जा रहा है। मंत्री सिरसा ने DSIIDC को ग्लोबल टेंडर जारी करने का निर्देश दिया है।

कब तक तैयार होगा इको पार्क?
दिल्ली में बनने जा रहे देश के पहले ई-वेस्ट इको पार्क का निर्माण पूरा करने के लिए 18 महीने का लक्ष्य रखा गया है। बताया जा रहा है कि यह पार्क एक बार पूरी तरह से चालू होने के बाद अगले पांच वर्षों में दिल्ली के कुल ई-वेस्ट का लगभग 25 फीसदी प्रोसेस करेगा। बता दें कि भारत में हर साल लगभग 16 लाख मिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा ई-वेस्ट पैदा होता है।

ई-वेस्ट के सबसे ज्यादा उत्पादन में भारत पूरी दुनिया में तीसरे नंबर पर आता है। इसमें सिर्फ दिल्ली का करीब 9.5 प्रतिशत योगदान होता है।बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में घोषणा की थी कि देश में चार ई-वेस्ट इको पार्क बनाया जाएगा। इस पहल में दिल्ली पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां पर ई-वेस्ट इको पार्क बनेगा।

रोजगार के भी अवसर खुलेंगे
दिल्ली में इको पार्क से ई-वेस्ट के निपटान के साथ हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इस पार्क में ई-वेस्ट को रिसाइकल करने के अलावा रिफर्बिशिंग, डिस्मेंटलिंग, कंपोनेंट टेस्टिंग, प्लास्टिक रिकवरी और सेकंड हैंड इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट के लिए अलग-अलग जोन बनाए जाएंगे। साथ ही अन-ऑर्गेनाइज्ड एरिया के के हजारों वर्कर्स को औपचारिक रूप से ट्रेनिंग देने के लिए स्किल और ट्रेनिंग सेंटर भी स्थापित करने की योजना है। मंत्री सिरसा का कहना है कि इससे ग्रीन जॉब्स उपलब्ध होंगे।

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