Illegal Colonies: फरीदाबाद में यमुना किनारे बस रहीं अवैध कॉलोनी, प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती

Illegal colonies are continuously increasing in Faridabad.
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फरीदाबाद में लगातार बढ़ रही हैं अवैध कॉलोनियां

फरीदाबाद में यमुना नदी के दोनों किनारों पर अवैध कॉलोनी बसती ही जा रही हैं। प्रशासन ने कई बार तोड़फोड़ भी की है लेकिन इसके बावजूद भी अवैध निर्माण कार्य लगातार हो रहा है।

Illegal colonies: फरीदाबाद में यमुना नदी के दोनों किनारों पर बस रही अवैध कॉलोनी प्रशासन के लिए चुनौती बनती जा रही हैं। प्रशासन द्वारा तोड़फोड़ करने के बाद भी नदी के आसपास बसने वाली कॉलोनी रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। अधिकारी के मुताबिक, शहर में प्रत्येक महीने यमुना के दोनों किनारों पर लगभग 10 कॉलोनी बस रही हैं। जो कि एक हैरान करने वाली बात है।

नोएडा में यमुना नदी के किनारे भू माफियाओं द्वारा सस्ती जमीन का लालच देकर बड़े स्तर पर अवैध कॉलोनियों को बसाने का काम कियी जा रहा हैं। इन्हें यमुना के डूब क्षेत्र में बसाया जा रहा है। डीटीपी इंफोर्समेंट के मुताबिक, इन इलाकों में बिजली और पानी जैसे मूलभूत सुविधाएं भी मौजूद हैं। इस वजह से इस क्षेत्र में नए बसने वाले और जमीन को खरीदने वाले लोगों को इसके वैध होने का भ्रम हो जाता है। खास बात यह है कि इस साल प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए कई कॉलोनियों को ध्वस्त किया था। इनमें से 70 फीसदी के आसपास यह कॉलोनियों यमुना क्षेत्र की ही थी।

डीटीपी इंफोर्समेंट के यजन चौधरी के अनुसार, यमुना के डूब क्षेत्र में बसी कॉलोनियों में सबसे ज्यादा दिक्कत बाढ़ के समय में आती है। विशेषज्ञों की मानें तो नदी में बढ़ते जलस्तर से कटाब होता है। इस वजह से तटीय क्षेत्रों में निर्माण कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित है। लेकिन इन सब चीजों की जानकारी होने के बावजूद भी लोग सस्ती जमीन के चकर में यहां प्लॉट खरीदकर निर्माण कार्य शुरू कर देते हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए आगे कहा कि यमुना किनारे की जमीन तकनीकी रूप से निर्माण कार्य के लिए ठीक नहीं है। क्योंकि यहां की मिट्टी कमजोर और नमी नुमा होती है।

अधिकारी ने आगे बताया कि पिछले तीन महीनों में फरीदाबाद और पलवल में करीब 22 जगहों पर संयुक्त कार्रवाई की जा चुकी है। इस दौरान सैकड़ों एकड़ जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। इसके बावजूद कब्जा करने वाले और डीलर लोग नई जगह तलाश कर निर्माण कार्य शुरू करा देते हैं। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि भू माफिया रात के समय प्लाटिंग करते हैं और कई बार तो सड़क नाली और खंभे भी खड़े देते हैं। ताकि ग्राहकों को ऐसा एहसास कराया जा सके कि कॉलोनी विकसित हो चुकी है।

दलाल पहले जाकर गांवों में किसानों से जमीन खरीदते हैं। इसके बाद उसे छोटे छोटे टुकड़ो में बांट कर प्लाटिंग कर देते हैं। हद तो हो जाती है जब कुछ लोग इसका विज्ञापन सोशल मीडिया पर कराते हैं। इसके अलावा कई जगहों पर तो खंभे और कच्ची सड़कें बनाकर कॉलोनी तैयार है कहकर बेच दिया जाता है।

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