Humayun Tomb History: दिल्ली का हुमायूं मकबरा घूम आए... फिर भी नहीं पता होंगे ये राज, पढ़ें इतिहास

दिल्ली का हुमायूं मकबरा।
Humayun Tomb History: दिल्ली में कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जो अपने अलग-अलग इतिहास के लिए जाने जाते हैं। इनमें से एक है हुमायूं का मकबरा। यह राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में स्थित है। हुमायूं का मकबरा मुगलों की विरासत है, जिसमें उनका इतिहास छिपा हुआ है। हर दिन यहां सैकड़ों की संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं। यह ऐतिहासिक स्मारक 16वीं सदी में लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया था। इसके चारों तरफ बाग-बगीचे हैं, जहां पर बैठकर लोग आनंद के पल बिताते हैं।
आज भी दूर-दूर से लोग इसकी खूबसूरती देखने के लिए आते हैं। खासकर दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोग अक्सर यहां पर घूमने के लिए आते हैं। हालांकि इसके बावजूद बहुत से लोगों को हुमायूं के मकबरे के इतिहास से जुड़े कई राज नहीं पता हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वे राज, जो इसे खास बनाते हैं...
मुगल परिवार का कब्र स्थल
हुमायूं का मकबरा सिर्फ हुमायूं की कब्र नहीं है, बल्कि वहां पर मुगल परिवार के करीब 150 सदस्यों का कब्र स्थल है। इतिहासकारों के मुताबिक, यहां पर हुमायूं के अलावा उसकी पत्नियों, बेटों और वंशजों की कब्र बनी हुई हैं।
महिला ने बनवाया था हुमायूं का मकबरा
देश में बने ज्यादातर ऐतिहासिक स्मारक और स्थल आमतौर पर पुरुषों द्वारा बनवाए गए हैं। लेकिन हुमायूं का मकबरा किसी पुरुष ने नहीं, बल्कि एक महिला ने बनवाया था। दरअसल, इसका निर्माण 1565 में हुमायूं की पहली पत्नी महारानी बेगा बेगम ने करवाया था।
इस मकबरे से प्रेरित होकर बना था ताजमहल
उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल को लोग प्यार की निशानी के तौर पर जानते है। हालांकि काफी कम लोगों को पता है कि ताजमहल का निर्माण हुमायूं के मकबरे से प्रेरित होकर करवाया गया था। इसकी वजह से इन दोनों स्मारकों में काफी समानताएं देखने को मिलती हैं।
भारत का पहला टॉम्ब गार्डन
बता दें कि हुमायूं का मकबरा देश का पहले टॉम्ब गार्डन है। खास बात यह है कि ये मकबरा देश में फारसी शैली के चारबाग गार्डन वाले पहले मकबरों में से एक था। हुमायूं के मकबरे को अनोखे लेआउट में तैयार किया गया था। इसकी खूबसूरती से प्रेरित होकर अन्य मुगल स्मारक भी स्थापित किए गए।
