Purana Quila Delhi: दिल्ली के इस किले की सीढ़ियों से गिरकर हुई थी हुमायूं की मौत, जानें रोचक रहस्य

Delhi purana quila
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पुराने किले की कहानी। 

Purana Quila Delhi: दिल्ली घूमने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां कई ऐसी इमारतें है जिनका अपना एक अलग इतिहास है। ऐसा ही एक किला है जिसे पुराने किले के नाम से जाना जाता है, जो अपने अंदर कई रहस्यमई कहानियों को समेटे हुए है।

Purana Quila Delhi: दिल्ली ऐतिहासिक जगहों से घिरा हुआ शहर है। यहां आपको कई शानदार ऐतिहासिक धरोहरें मिलेंगी, जिनका अपना अलग इतिहास है। यहां की ज्यादातर इमारतें मुगल काल की हैं, लेकिन शहर में एक इमारत ऐसी भी है, जिसका इतिहास लगभग 500 साल से भी ज्यादा पुराना माना जाता है।

इतिहास के अनुसार, इस किले का निर्माण किसी मुगल शासक ने नहीं किया था बल्कि सूरी वंश के सम्राट शेरशाह सूरी ने करवाया था। बता दें कि इस किले को इंद्रप्रस्थ भी कहा जाता है। हिंदू साहित्य के अनुसार, यह स्थान कभी पांडवों की राजधानी हुआ करती थी।

कहा जाता है कि ये वही किला है, जिसकी सीढ़ियों से गिरकर हुमायूं की मौत हो गई थी। इस किले में मेहराबों से घिरे तीन प्रवेश द्वार हैं। जिसमें पश्चिम में एक बड़ा गेट है और दक्षिण में हुमायूं का गेट...

पांडवों का किला

दिल्ली में बना पुराना किला अपने साथ एक अलग इतिहास समेटे हुए है। इसके बारे में जितना जानें उतना कम है। यह दिल्ली की उन जगहों में से एक है, जहां पर्यटक सबसे ज़्यादा घूमने आते हैं। हर शाम यहां एक शानदार लाइट एंड साउंड शो होता है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यह आयताकार किला करीब 2 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। इसे दिल्ली का सबसे बड़ा किला माना जाता है और दिल्ली का सबसे पुराना किला होने की वजह से इसे पुराना किला भी कहा जाता है। आपको बता दें कि इसका असली नाम शेरशाह का किला है।

किले में महाभारत काल का मंदिर

पुराने किले के साथ ही मां कुंती देवी द्वारा बनाया गया मंदिर भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि जब पांडव यहां रहने आए थे, तब इसी दौरान माता कुंती ने यहां मंदिर बनवाया और यह वही मंदिर है। इस साक्ष्य की वजह से पुराने किले को महाभारत काल से भी जोड़ा जाता है, जिसकी वजह से इसे पांडवों का किला भी कहा जाता है।

मुगलों ने क्यों छोड़ा था किला

कहा जाता है कि हुमायूं की मौत इसी मीनार की सीढ़ियों से गिरकर हुई थी और इसी वजह से बाद में मुगलों ने यह सोचकर कि उनके साथ कुछ और अशुभ हो सकता है, किले को खाली करने का फैसला किया था। बाद में जब अकबर ने राजधानी को दिल्ली स्थानांतरित किया तो उसने दिल्ली को विदेशी आक्रमण से बचाने के लिए लाल किला बनवाया।

पुराना किला घूमने का समय

अगर आप भी पुराना किला घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आप सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे के बीच यहां जा सकते हैं। आप साल के किसी भी दिन यहां जा सकते हैं। लेकिन अगर मौसम के हिसाब से घूमने की बात करें तो अक्टूबर से अप्रैल के बीच का समय यहां घूमने के लिए काफी अच्छा माना जाता है।

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