Cloud Seeding Cost: दिल्ली में कृत्रिम बारिश के 3 ट्रायल विफल, इतने करोड़ रुपये बादलों में गुम?

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दिल्ली में कृत्रिम बारिश के तीन प्रयास विफल। 

दिल्ली में कृत्रिम बारिश के लिए तीन ट्रायल हो चुके हैं, लेकिन मनमाफिक नतीजे नहीं मिले हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इन तीन प्रयासों के विफल रहने से कितना नुकसान हुआ है। आंकड़ा जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

दिल्ली सरकार की तरफ से वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक कृत्रिम बारिश के तीन ट्रायल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक मनमाफिक नतीजे नहीं मिले हैं। ऐसे में अब चौथे और पांचवें चरण के ट्रायल की तैयारियां चल रही हैं। अगर कृत्रिम बारिश होती है, तो इस पर आने वाले खर्चे की वसूली मानी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो दिल्ली की बीजेपी सरकार पर जनता के पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप भी झेलना पड़ सकता है। तो चलिये बताते हैं कि कृत्रिम बारिश को लेकर कितने पैसे खर्च हुए हैं।

कृत्रिम बारिश पर इतना खर्चा

दिल्ली सरकार ने 7 मई को क्लाउड सीडिग यानी कृत्रिम बारिश कराने की मंजूरी दी थी। इसके लिए आईआईटी कानपुर के साथ समझौता हुआ था। दिल्ली सरकार ने पांच ट्रायल के लिए कुल 3.21 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। मतलब यह है कि प्रत्येक ट्रायल के लिए 64.20 लाख रुपये बनते हैं। अभी तक तीन ट्रायल हो चुके हैं, लिहाजा 1 करोड़ 92 लाख रुपये खर्च हुए होंगे। हालांकि यह भी स्पष्ट कर दें कि कितने एरिया में क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया आजमाई और कितने फ्लेयर छोड़े गए, इसके बाद ही अंदाजा लग पाएगा कि अभी तक कृत्रिम बारिश की प्रक्रिया पर कितना खर्चा हुआ है।

आज नहीं होगी क्लाउड सीडिंग प्रक्रिया

आईआईटी कानपुर की तरफ से बताया गया है कि आज 29 अक्टूबर को होने वाली प्रस्तावित क्लाउड सीडिंग गतिविधियों को अपर्याप्त नमी की वजह से स्थगित कर दिया गया है। यह प्रक्रिया सही वायुमंडलीय परिस्थितियों पर अत्यधिक निर्भर है। बताया कि कल बारिश नहीं हुई क्योंकि नमी का स्तर लगभग 15 से 20 फीसद था। लेकिन परीक्षण से बहुमूल्य जानकारी मिली है। दिल्ली भर में स्थापित निगरानी केंद्रों ने कणिकाओं और नमी के स्तर में वास्तविक समय में होने वाले बदलावों को दर्ज किया। आंकड़ों से पता चलता है कि PM2.5 और PM10 सांद्रता में 6 से 10 प्रतिशत की कमी आई है। यह दर्शाता है कि सीमित नमी की स्थिति में भी क्लाउड सीडिंग वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में योगदान दे सकती है।

कृत्रिम बारिश का अगला ट्रायल कब

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि आईएमडी के मुताबिक अभी तक वायुमंडलीय नमी 10 से 15 प्रतिशत के बीच है, जिस कारण वर्षा नहीं हो सकी है। अगला ट्रायल 20 से 25 फीसद नमी होने पर किया जाएगा। आईएमडी के मुताबिक, आज शाम 4 बजे से नमी बढ़ेगी। इसके बाद फिर से ट्रायल लिया जाएगा। उधर, आईआईटीएम के जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल के हवाले से बताया गया है कि पहला ट्रायल इसलिए असफल हो गया क्योंकि नमी 20 प्रतिशत से कम थी। जितनी नमी ज्यादा होगी, कृत्रिम बारिश के चांस उतने ज्यादा बढ़ेंगे।

कृत्रिम बारिश पर खर्चे को लेकर सियासत शुरू

आम आदमी पार्टी ने कृत्रिम बारिश पर आने वाले खर्चे को लेकर सीएम रेखा गुप्ता की सरकार पर निशाना साधा है। आप दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि साल 2022, 2023 और 2024 में हमने दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने के लिए कई बार पत्र लिखा था। लेकिन दिसंबर 2024 में केंद्र सरकार की तीन एजेंसियों ने अपना एक्सपर्ट ओपिनियन देते हुए साफ कहा कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग संभव नहीं है। उसके बाद हमने कभी भी कृत्रिम वर्षा कराने की बात नहीं की। BJP सरकार ने अब जनता के टैक्स के करोड़ों रुपये इस नौटंकी में उड़ा दिए।

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