Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जाम से मिलेगी राहत, एलिवेटेड रोड का DPR तैयार, ये होगा रूट

Greater Noida Elevated Road Project
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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनेगी नई एलिवेटेड रोड। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Greater Noida Elevated Road: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 2.5 किमी लंबी एलिवेटेड रोड का डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस रोड के बनने से ग्रेटर नोएडा से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे तक सीधी कनेक्टिविटी होगी।

Greater Noida Elevated Road Project: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में वाहन चालकों को ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। शहर के इंटेड़ा गोलचक्कर से लेकर शाहबेरी होते हुए नेशनल हाईवे-24 तक चार लेन की एलिवेटेड सड़क बनाई जाएगी। इसकी लंबाई 2.5 किमी होगी। इसके बनने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट सीधे तौर पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा। इससे वाहन चालकों को काफी राहत मिलेगी।

इस एलिवेटेड रोड की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए 5 एक्सपर्ट एडवाइजर फर्मों ने रुचि दिखाई है। जल्द ही इनमें से किसी एक फर्म का चयन किया जाएगा, जिसके बाद प्रोजेक्ट का डीपीआर तैयार होगा। माना जा रहा है कि अगले साल तक इस परियोजना का काम शुरू हो सकता है।

250 करोड़ परियोजना की लागत

जानकारी के मुताबिक, 2.5 किली लंबे एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 250 करोड़ रुपये आएगी। इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग 2 साल का समय लग सकता है। यह एलिवेटेड रोड इटेड़ा गोलचक्कर से शाहबेरी होते हुए क्रॉसिंग रिपब्लिक के पास एनएच-24 से जुड़ेगा। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का मानना है कि इस एलिवेटेड रोड के बनने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट एरिया में ट्रैफिक की परेशानी से बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही लोकल कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।

बताया जा रहा है कि इस रोड से शाहबेरी, गौर सिटी, इटेड़ा और बिसरख क्षेत्र के हजारों लोगों के लिए जाम से राहत मिलेगी। दरअसल, मौजूदा समय में ग्रेटर नोएडा वेस्ट से एनएच-24 तक जाने के लिए वाहन चालकों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इससे समय और ईंधन दोनों का नुकसान होता है। वहीं, अगर ये एलिवेटेड रोड बन जाता है, तो यह दूरी कम हो जाएगी। इससे दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ की ओर जाने वाले यात्रियों को आवागमन में सुविधा होगी।

सीआरआरआई कर चुकी है जांच

इस परियोजना के डीपीआर में भू-तकनीकी सर्वेक्षण, विस्तृत अभियांत्रिकी डिजाइन, लागत अनुमान, पर्यावरण एवं सामाजिक प्रभाव अध्ययन और यातायात प्रबंधन योजना जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया जाएगा। इससे पहले केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) द्वारा भी इसकी जांच की जा चुकी है।

इस समय ग्रेटर नोएडा वेस्ट एरिया में आबादी तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि आने वाले 10 सालों के अंदर हां पर करीब 20 लाख से ज्यादा लोग बस जाएंगे। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करना बेहद जरूरी है।

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