Satta King Racket: फर्जी किडनैपिंग से खुली इंटरनेशनल सट्टा गिरोह की पोल, दिल्ली-NCR में फैला जाल, 8 अरेस्ट

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।
International Satta Racket Busted: ग्रेटर नोएडा के कासना कोतवाली पुलिस और स्वाट पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने एक फर्जी किडनैपिंग मामले की जांच करते हुए इंटरनेशनल सट्टा गिरोह रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो क्रिकेट मैच पर सट्टा लगवाते थे। पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी एक ऐप के जरिए सट्टेबाजी का धंधा चला रहे थे। इस गिरोह को भारत नहीं, बल्कि दुबई और थाईलैंड से कंट्रोल किया जा रहा था। उनके पास से सामान बरामद किए गए हैं। इनमें 26 मोबाइल, 16 सिम कार्ड, 4 लैपटॉप, फर्जी आधार कार्ड, पासबुक, चेकबुक, पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज शामिल हैं।
ग्रेटर नोएडा के DCP साद मियां खान ने बताया कि 12 जून को राजस्थान के अलवर के रहने वाले सुभाष चंद्र ने कासना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसमें उन्होंने बताया कि नोएडा में उनके बेटे भीम सिंह (22) और भतीजे नारायणा (25) को कुछ लोगों ने किडनैप कर लिया है। आरोपियों ने उन्हें छोड़ने के लिए 7 लाख रुपए के फिरौती की मांग की है।
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस ने किडनैपिंग की सूचना मिलने पर भीम सिंह की लोकेशन ट्रेस की, जो गौर सिटी के व्हाइट आर्किड अपार्टमेंट में मिली। वहां से पुलिस ने ध्रुव, विशाल, सन्नी और मुकीम को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया कि वे सभी ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा चला रहे थे। इसके लिए वे रुद्र क्रिक लिव (RUDRA CRIC LIVE) का इस्तेमाल कर रहे थे, जो भारत के अंदर बैन है।
इसके बाद पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के राधा स्काई गार्डन और एक अन्य जगह पर छापेमारी की, जहां से भीम सिंह, नारायण, सुखदेव और हिमांशु को गिरफ्तार किया। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि लाइव क्रिकेट मैच के दौरान सट्टा लगवाने का काम करते थे। पुलिस के मुताबिक, ये सभी आरोपी थाईलैंड और दुबई में बैठे सरगनाओं के इशारे पर काम करते थे।
इस तरह लगवाते थे सट्टा
पुलिस से पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि लाइव क्रिकेट मैच के दौरान विकेट गिरने, ओवर में रन बनने और हार-जीत पर सट्टा लगाते थे। सट्टेबाजी के लिए ग्राहकों यानी सट्टा लगवाने लोगों को व्हाट्सएप के जरिए आईडी दी जाती थी। इसके बाद लाइव मैच के समय पर ही दांव लगाए जाते थे। ये गिरोह RUDRA CRIC LIVE का इस्तेमाल करते थे, जिसमें नंबर दिया रहता था। जिन लोगों को सट्टे का दांव लगाना होता था, वे नंबर पर व्हाट्सएप कॉल करते थे। यह रैकेट पूरी तरह से ऑनलाइन और इंटरनेशनल लेवल पर चल रहा था।
रोजाना 30 लाख भेजते थे विदेश
पूछताछ में पता चला कि ये गिरोह हर दिन सट्टे के 30 लाख रुपए फर्जी बैंक खातों से विदेशी अकाउंट में ट्रांसफर कर रहे थे। ग्रेटर नोएडा पुलिस इस गिरोह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और डिजिटल लेन-देन के समेत अन्य पहलुओं पर जांच कर रही है। इसके अलावा जिन बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उन्हें फ्रीज किया जा रहा है। पुलिस को शक है कि दिल्ली-एनसीआर में इस तरह का बड़ा रैकेट चल रहा है। पुलिस गहराई से इस मामले की जांच कर रही है।
फर्जी निकला किडनैपिंग का केस
पुलिस ने भीम सिंह से पूछताछ की, तो पता चला कि उसने खुद ही अपनी किडनैपिंग की झूठी कहानी बनाई थी। उसने बताया कि वह इस गिरोह में अकाउंट का काम देखता है, लेकिन उसके हिसाब में 10 लाख रुपए कम पड़ रहे हैं। इन पैसों के लिए उसके ऊपर दबाव बनाया जा रहा था। इसकी वजह से भीम ने अपनी किडनैपिंग की कहानी बनाई, जिससे वह अपने परिवार से फिरौती के पैसे ले सके।
इस मामले को लेकर DCP मियां खान ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ जारी है। उनके बैंक खातों को फ्रीज किया जा रहा है। इसके अलावा उन सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर को नोटिस भेजा जाएगा, जिन्होंने इस ऐप को प्रमोट किया।
