Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में डिलीवरी के दौरान महिला के पेट में छोड़ा आधा मीटर कपड़ा, CMO समेत 6 डॉक्टरों पर FIR

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ग्रेटर नोएडा में महिला की डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के प्राइवेट अस्पताल में डिलीवरी के दौरान लापरवाही बरतने पर CMO समेत 6 डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पढ़ें पूरी खबर...

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने CMO समेत 6 डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज की है। सभी पर डिलीवरी के दौरान ऑपरेशन करते हुए महिला के पेट में आधा मीटर कपड़ा छोड़ने का आरोप है। इस मामले को लेकर पीड़ित पक्ष की तरफ से कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने CMO समेत 6 के खिलाफ केस दर्ज किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूरा मामला ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना का बताया जा रहा है। पुलिस जांच में सामने आया है कि प्राइवेट बैक्सन अस्पताल में 14 नवंबर 2023 को डिलीवरी हुई थी, जिसमें लापरवाही की बात सामने आई थी। पुलिस ने बैक्सन अस्पताल की डॉक्टर अंजना अग्रवाल, डॉक्टर मनीष गोयल, स्वामी, CMO नरेंद्र कुमार, डॉक्टर चंदन सोनी जांच अधिकारी, डॉक्टर आशा किरन चौधरी जांच अधिकारी पर FIR दर्ज की है।

पीड़िता ने क्या बताया ?

पीड़िता ने शिकायत में बताया कि करीब डेढ़ साल पहले पेट में काफी दर्द हुआ था, जिसके बाद कैलाश अस्पताल में जांच कराई गई थी। डॉक्टरों ने जब अल्ट्रासाउंड किया तो पेट में कपड़ा नजर आया, जिसे ऑपरेशन के बाद बाहर निकाल दिया गया है। पीड़िता का आरोप है कि डॉक्टरों ने लापरवाही करते हुए आधा मीटर कपड़ा पेट में छोड़ दिया था।

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क डेल्टा-1के रहने वाले अंशुल वर्मा (पीड़िता) की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है। अंशुल ने बताया कि 2023 में 14 नवंबर को तुगलपुर स्थित बैक्सन अस्पताल में उन्हें भर्ती करवाया गया था। जहां डॉक्टर अंजना अग्रवाल ने अपनी टीम के साथ मिलकर उसकी डिलीवरी की थी।

2 दिन बाद यानी 16 नवंबर को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था। लेकिन कुछ दिन बीत जाने के बाद उसे पेट में दर्द के साथ-साथ गांठ भी महसूस होने लगी थी। दर्द सहते हुए महिला को डेढ़ साल बीत गए,तकलीफ ज्यादा बढ़ जाने पर महिला ने 22 मार्च 2025 को यथार्थ अस्पताल में टेस्ट कराया, जहां उन्हें पेन किलर दे दी गई, लेकिन इससे भी आराम नहीं मिला। इसके बाज पीड़िता ने 7 अप्रैल 2025 को जिम्स अस्पताल में MRI समेत कई टेस्ट कराए, जहां रिपोर्ट नॉर्मल आई।

8 अप्रैल 2025 को नवीन अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और MRI कराने पर भी रिपोर्ट नॉर्मल थी। पेट के दर्द में कोई राहत नहीं मिलने पर पीड़िता14 अप्रैल 2025 को कैलाश अस्पताल पहुंची, जहां के डॉक्टरों ने पेट में गांठ बताई और सर्जरी कराने की सलाह दी। 22 अप्रैल 2025 को डॉक्टर संचिता विश्वास ने ऑपरेशन किया, महिला के पेट में से करीब आधा मीटर लंबा कपड़ा मिला।

अस्पताल मैनेजमेंट ने नहीं किया सपोर्ट

मामले को लेकर पीड़िता ने बैक्सन अस्पताल मैनेजमेंट को डॉक्टर की शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके पीड़ित डॉक्टरों के खिलाफ गौतम बुद्ध नगर के CMO लिखित शिकायत दी, लेकिन CMO ने सहयोग नहीं किया। कपड़े की FSL जांच नहीं कराई गई और मामले को दबाने का दबाव बनाया गया। पीड़िता ने दिसंबर 2025 में कोर्ट में मामले को लेकर याचिका दायर की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया, अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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