Ghaziabad: गाजियाबाद के तुलसी निकेतन का होगा रिडेवलपमेंट, जर्जर घरों की जगह मिलेंगे नए फ्लैट

Tulsi Niketan to be redeveloped in Ghaziabad
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गाजियाबाद में तुलसी निकेतन का होगा पुनर्विकास 

Ghaziabad: गाजियाबाद की तुलसी निकेतन योजना का पुनर्विकास होगा। इसकी पुरानी जर्जर बिल्डिंग को तोड़कर उसकी जगह नई बहुमंजिला इमारत बनाई जाएगी।

Ghaziabad Tulsi Niketan Redevelopment: गाजियाबाद के तुलसी निकेतन योजना का पुनर्विकास होगा। इसकी प्रक्रिया तेज कर दी गई है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) और नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन बीच समझौता होगा। इसके लिए आगामी बैठक में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा और स्वीकृति मिलने के बाद एमओयू साइन करके ले आउट तैयार किया जाएगा। इसके बाद जर्जर फ्लैट की जगह नए फ्लैट तैयार होंगे और इसका सीधा फायदा फ्लैट धारकों को मिलेगा।

तुलसी निकेतन में कितने मकान?

बता दें कि साल 1988-1990 के बीच जीडीए 7.83 हेक्टेयर में फैली तुलसी निकेतन योजना लेकर आया था। इसमें 2,004 ईडब्ल्यूएस और 288 एलआईजी फ्लैट बनाए गए थे। इस सोसायटी में मकानों की संख्या कुल 2,292 हैं। इसके अलावा 60 दुकानें भी हैं। तुलसी निकेतन सोसायटी में लगभग 20 हजार से अधिक लोग रहते हैं। काफी पुरानी बिल्डिंग हो जाने की वजह से इसके मकानों की हालत खराब हो चुकी है। इसके चलते मकान की दीवारों से प्लास्टर गिरने की कई घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।

इसी समस्या को दूर करने के लिए प्राधिकरण इसका पुनर्विकास करने का प्लान बना रहा है। इसे तोड़कर इसकी जगह एक बहुमंजिला इमारत को तैयार किया जाएगा। इसके लिए क्षेत्र का सर्वे भी कर लिया गया है।

एनबीसीसी और जीडीए के बीच होगा समझौता

एनबीसीसी की टीम ने पिछले दिनों जीडीए के अधिकारियों को पुराने फ्लैट तोड़कर उसकी जगह एक नई बहुमंजिला इमारत बनाने की प्रेजेंटेशन दिखाई थी, जो जीडीए को काफी पसंद भी आई थी। अब जीडीए, एनबीसीसी के साथ एमओयू हस्ताक्षर करेगा। इसके लिए आगामी बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव रखा जा सकता है। बोर्ड द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद दोनों के बीच एमओयू साइन किया जाएगा। इसके बाद इसका लेआउट तैयार करके निर्माण शुरू किया जाएगा। फ्लैटों के रिडेवलपमेंट का काम 2 चरणों में पूरा किया जाएगा।

अधिकारियों के मुताबिक इस योजना का उद्देश्य पैसा कमाना नहीं है। पीएम और सीएम का लक्ष्य है कि सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के सबसे गरीब तबके तक पहुंचे। इस योजना का भी मुख्य उद्देश्य इसी विजन पर आधारित है। इसके अलावा प्राधिकरण भी कभी नहीं चाहेगा कि इस योजना के तहत रह रहे किसी भी परिवार को बेघर किया जाए। इसकी जगह पुराने लोगों को भी आधुनिक सुविधाओं वाले घर दिए जाएंगे।

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