Ghaziabad Viral Video: गाजियाबाद की मेयर ने मौलवी को लगाई फटकार, बोलीं- तेरे घरवालों की जमीन है...

Ghaziabad Mayor Sunita Dayal on Illegal Mazar
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गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल ने अवैध मजारों पर कसा शिकंजा।

Ghaziabad Viral Video: गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल ने ग्रीन बेल्ट में मजार बनाने और वहां पर बैठने वाले एक मौलवी को फटकार लगाते हुए उसके खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं। उनकी ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं।

Ghaziabad Viral Video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल एक मौलवी को फटकारती हुई नजर आ रही हैं। वो मौलवी से कहती हैं कि 'तू यहां क्यों बैठा है, ये जमीन तेरे घरवालों की है क्या?'

बता दें कि शुक्रवार को मेयर सुनीता दयाल ने जीटी रोड के किनारे ग्रीन बेल्ट पर एक अवैध मजार देखी। उन्होंने मजार पर मौजूद मौलवी को खरी-खोटी सुनाई और वहां प्रसाद चढ़ाने वाले लोगों को भी फटकारा। मेयर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया।

इस वीडियों में देखा जा सकता है कि उन्होंने मौलवी से पूछा, 'तू यहां क्यों बैठा है?, ये जमीन तेरे घरवालों की है क्या?, तुझे पहले भी समझाया गया था, फिर भी तू मान नहीं रहा। यू यहां बैठकर अपनी दुकानदारी चमकाने में लगा हुआ है। तू डासने का रहने वाला है, तो वहां जाकर बैठ यहां क्या कर रहा है?'

मेयर ने साफ कहा कि ग्रीन बेल्ट पर किसी तरह के धार्मिक, व्यावसायिक या निजी निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेयर सुनीता दयाल ने ग्रीन बेल्ट पर बनी मजार को अवैध बताते हुए नगर निगम के अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही मौलवी के खिलाफ FIR दर्ज करने और द्रीन बेल्ट को अतिक्रमण से मुक्त कराने के निर्देश दिए। मेयर ने स्पष्ट कर दिया कि वे ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण हटाने और शहर की हरियाली बचाने के लिए ऐसा कर रही हैं।

वायरल वीडियो में मेयर का सख्त रवैया कुछ लोगों को काफी पसंद आया और वे मेयर के इस कदम की सराहना कर रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।

इस वीडियो के वायरल होने के बाद शनिवार को अवैध मजार को वहां से हटा दिया गया। इस दौरान मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि 'हम बचपन में गर्मी की छुट्टियों में यहां पर घूमने के लिए आया करते थे। अक्सर नहीं आते थे, लेकिन गर्मियों की छुट्टियों के दौरान कभी-कभी हम हिंडन नदी में तैरने जाते थे। यहां ज्यादा कुछ नहीं था - बस नीचे एक छोटी सी कब्र थी, जिसे हम देख भी नहीं सकते थे। बुजुर्गों ने हमें इसके बारे में एक बार बताया होगा - लगभग दस फीट नीचे। अब यह कब्र माफिया व्यवसाय में बदल गई है; वे एक रैकेट चला रहे हैं।'

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