Ghaziabad Mahagunpuram: गाजियाबाद के महागुनपुरम में 80 लोगों की बिगड़ी हालत, दूषित पानी से हुए बीमार

Drinking water without brushing teeth
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इसे जापान और भारत दोनों में एक परंपरागत स्वास्थ्य अभ्यास के रूप में जाना जाता है। इसके कई फायदे हैं जो आपको शायद ही पता होंगे:
Ghaziabad Mahagunpuram: दूषित पानी की वजह से एक सोसाइटी में 80 लोग बीमार हुए हैं। यह घटना गाजियाबाद के महागुनपुरम सोसाइटी की है। इसमें रहने वाले लोगों को दूषित पानी की वजह से खुजली, पेट दर्द, जलन और उल्टी दस्त जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

Ghaziabad Mahagunpuram: गाजियाबाद में एक सोसाइटी के 80 लोग अचानक बीमार हो गए। इन सबको दिक्कत दूषित पानी पीने की वजह से हुई। यह घटना गाजियाबाद के महागुन पुरम सोसाइटी में हुई है। जानकारी के अनुसार दूषित पानी पीने के कारण बीमार पड़ने वाले सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग हैं। सब पीड़ित उल्टी, दस्त और पेट दर्द की समस्या से परेशान हैं। इन सभी का आरोप है कि पिछले कुछ दिनों से फ्लैटों में गंदा पानी आ रहा था। इन लोगों ने इसकी शिकायत एओए से की, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। बाद में लोगों ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत की, तब जाकर प्रशासन हरकत में आया।

जानकारी के अनुसार, महागुन पुरम सोसाइटी के दो फेज में लगभग 1734 फ्लैट हैं, जहां लगभग 6 हजार के आस-पास लोग रहते हैं। इसमें सबसे ज्यादा दूषित पानी की समस्या फेज एक के रिद्धि भागीरथी कावेरी और विनायक टावर में है। इन सभी टावरों में पांच से छ: दिनों से दूषित पानी की सप्लाई हो रही है। जब यहां रहने वाले लोगों ने इसकी शिकायत की तो मेंटेनेंस टीम ने कहा कि पानी ठीक है। लेकिन पिछले दो दिन में यहां काफी लोग बीमार हो गए।

सोसायटी निवासियों के अनुसार, शुरुआती कुछ दिनों में लोगों ने खुजली, पेट दर्द और जलन की शिकायत की, तो लोगों को लगा कि यह मौसम के बदलने की वजह से हो रहा है। उसके बाद 50 से 60 लोगों को उल्टी और दस्त होने लगे। उल्टी और दस्त की समस्या से सबसे ज्यादा अगर कोई प्रभावित हुआ तो बच्चे और बुजुर्ग थे। जब लोग इलाज के लिए क्लीनिक पहुंचे, तो डॉक्टर ने बीमारी की वजह दूषित पेयजल बताया। यह जानने के बाद लोग भड़क गए और उन्होंने एओए पर कार्रवाई की मांग की।

लोगों का आरोप है कि कुछ दिन पहले ही रिद्धि टावर का टैंक खराब हुआ था, जो रिपेयरिंग के लिए भेजा गया। उसके बाद छत पर एक अस्थाई टैंक रखा गया था। लेकिन वो तभी से बिना ढक्कन के रखा है। इसके अलावा अन्य टावरों में भी गंदा पानी आ रहा है। ये सब देखते हुए लोगों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी शिकायत की। फिर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर लोगों का इलाज कराना शुरु किया।

लोगों का कहना है कि सोसाइटी में लगा एसटीडी केवल फेज-1 के लिए बनाया था। लेकिन फेज-2 का भार भी इसी पर है। जिससे एसटीपी की क्षमता कम होने की वजह से बेसमेंट में पानी भरा रहता है। एसटीपी का पानी पहले बेसमेंट और फिर सोसायटी के पीछे खाली पड़ी जमीन में निकाल दिया जाता था। इसके अलावा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पिट में भी एसटीपी का पानी छोड़ा जाता है। जिससे गंदा पानी सीधे ग्राउंड वाटर में मिलकर फ्लैटों में आ जाता है। इस मामले में सोसाइटी एओए अध्यक्ष यशपाल यादव के अनुसार, बिल्डर ने दूसरा एसटीपी प्लांट अधूरा छोड़ा हुआ है। इसे पूरा कराने के लिए बिल्डर से बात चल रही है। इसके बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी।

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