Perfect Murder Cases: जेएनयू से बॉलीवुड तक... भारत के परफेक्ट क्राइम केस, जिनके रहस्य आज तक नहीं सुलझ पाए

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भारत के परफेक्ट मर्डर केस, जो आज तक नहीं सुलझ पाए। 

जेएनयू छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी का मामला बंद होने से आरुषि हत्याकांड, सुशांत राजपूत सिंह और सुनंदा पुष्कर मौत समेत कई मामले ताजा हो गए हैं, जिसका रहस्य आज तक नहीं सुलझ पाया है।

Perfect Murder Cases India: अपराध से कोई लाभ नहीं होता। अपराधी चाहे कितना भी शातिर हो, एक न एक दिन वो कानून के शिकंजे में फंस ही जाता है। यह डायलॉग आपने अक्सर सीरियल 'क्राइम पेट्रोल' (Crime Petrol) में सुना होगा। लेकिन, जेएनयू (Jawaharlal Nehru University) के छात्र नजीब अहमद के हॉस्टल से लापता होने का केस बंद होने से आरुषि हत्याकांड (Aarushi Murder Case) और सुनंदा पुष्कर मौत (Sunanda Pushkar Death) समेत कई मामले ताजा हो गए हैं, जिसका रहस्य आज तक सुलझ नहीं पाया है। आज इस रिपोर्ट में हम उन सभी चर्चित अपराधों के बारे में बताने जा रहे हैं। सबसे पहले जेएनयू स्टूडेंट नजीब अहमद के लापता केस (JNU Student Missing Case) की बात करते हैं।

जेएनयू स्टूडेंट नजीब अहमद गुमशुदगी केस
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिला निवासी नजीब अहमद जेएनयू में एमएससी बायोटेक्निकल के फर्स्ट इयर का स्टूडेंट था। 15 अक्टूबर 2016 को कथित रूप से नजीब अहमद की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कुछ छात्रों के साथ हाथापाई हुई थी। इसके बाद वह संदिग्ध परिस्थितियों में जेएनयू के हॉस्टल माही-मांडवी हॉस्टल से लापता हो गया था। उनके लापता होते ही बवाल मच गया। ऐसे में मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। लेकिन, 2018 में सीबआई ने मामले की जांच बंद कर दी और क्लोजर रिपोर्ट सौंप दी। नजीब अहमद के परिजनों ने इसका विरोध किया, जिसके बाद कोर्ट ने सीबीआई से स्पष्टीकरण मांगा था। इसके बाद सीबीआई ने स्पष्टीकरण देकर क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष रखी, जिसके बाद कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया।

सुनंदा पुष्कर मौत का मामला
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के लीला पैलेस में एक होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं। पहले माना गया कि यह आत्महत्या का केस है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि उनकी मौत सामान्य नहीं है। उनके शरीर में चोटों के निशान पाए गए थे। 10 अक्टूबर 2014 को मेडिकल रिपोर्ट से पता चला कि उनकी मौत जहर से हुई है। दिल्ली पुलिस ने 6 जनवरी को एक रिपोर्ट में कहा था कि सुनंदा पुष्कर की हत्या की गई थी। लेकिन, आज भी यह मामला अनसुलझा है।

सुशांत सिंह राजपूत केस
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत 14 जून 2020 को मुंबई स्थित अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। प्रथम दृष्टया बताया गया कि उन्होंने सुसाइड किया है, लेकिन बवाल मचने के बाद 6 अगस्त 2020 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में उनकी गर्लफ्रेंड और उनके परिवार को मुख्य आरोपी माना जा रहा था। सीबीआई ने मामले की जांच के बाद रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को क्लीन चिट देकर क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी। इस क्लोजर रिपोर्ट में बताया गया कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की है और उनकी मौत के पीछे किसी भी प्रकार की आपराधिक साजिश नहीं मिली है।

अमर सिंह चमकीला और अमरजोत हत्याकांड
पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला और अमरजोत अपने गानों की वजह से खालिस्तानी आतंकियों के निशाने पर थे। उन्हें आए दिन जान से मारने की धमकियां मिलती थी। 8 मार्च 1988 को दोनों एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे थे, तभी पंजाब के मेहसामपुर में उनकी कार पर हमला किया गया। हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें दोनों की मौत हो गई। आज भी इस केस के एक भी आरोपी का भी नहीं पता लग पाया है।

पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला, अमरजोत और जेसिका लाल की तस्वीर।

पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला, अमरजोत और जेसिका लाल की तस्वीर।

जेसिका लाल हत्याकांड

29 अप्रैल 1999 की रात को दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में जेसिका लाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस को एक भी ऐसा चश्मदीद नहीं मिला, जो बताता कि जेसिका को गोली किसने मारी। लेकिन, इतना जरूर बताया गया कि जेसिका ने शराब परोसने से मना कर दिया था, जिससे गुस्साए शख्स ने उसे गोली मार दी। चश्मदीदों के इन बयानों पर ज्यादातर अखबारों ने इस खबर का शीर्षक रखा था, 'जेसिका को किसी ने नहीं मारा' No One Killed Jessica। चूंकि हत्यारा एक राजनीतिक परिवार से था, इसलिय बवाल मचना तय था। बाद में आरोपी मनू शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया। तिहाड़ जेल में 17 साल से बंद मनू शर्मा को वर्ष 2020 में रिहा कर दिया गया।

आरुषि हत्याकांड
आरुषि हत्याकांड भारत के सबसे चर्चित हत्याकांड में शुमार है। 15 और 16 मई की रात को नोएडा के सेक्टर 25 स्थित जलवायु विहार में रहने वाली 13 वर्षीय आरुषि अपने अपार्टमेंट में मृत पाई गई थी। सबसे पहले शक घर के नौकर हेमराज पर गया, लेकिन अगले दिन उसका शव भी घर की छत पर मिला। वारदात के वक्त उनके माता पिता घर में मौजूद थे, लिहाजा नौकर का शव मिलने के बाद आरुषि के पिता राजेश तलवार पर शक गहराने लगा। 23 मई 2008 को राजेश तलवार को डबल मर्डर के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।

करीब 2 महीने बाद राजेश तलवार को जमानत मिल गई। 2010 के दिसंबर महीने में इस केस में नाटकीय मोड़ देखने को मिला, जब सीबीआई ने अपर्याप्त सबूत के आधार पर क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में नौकर को क्लीन चिट दी, जबकि राजेश तलवार को मुख्य संदिग्ध बताया। हालांकि अदालत ने राजेश तलवार को बरी कर दिया। आज भी यह मामला सुलझ नहीं पाया है कि आखिर आरुषि और हेमराज की हत्या किसने की थी।

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