Food: शायद आप भी खा रहे हैं केमिकल्स से पके फल, FSSAI के पत्र से चौंकाने वाला खुलासा

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एफएसएसएआई ने फूड सेफ्टी को लेकर लिखा पत्र। 

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने कहा है कि फलों के बाजार और मंडियों पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है ताकि लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो सके।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने गहरी चिंता जताई है। एफएसएसएआई का कहना है कि फलों की बिक्री में मोटा मुनाफा कमाने के लिए इन्हें सिंथेटिक रंगों, मोम के लेप या रंगाई की जा रही है। ऐसे में एफएसएसएआई ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है ताकि इनके खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाए ताकि जिम्मेदार लोगों पर आवश्यक कार्रवाई हो सके।

फलों में इन केमिकल्स का हो रहा इस्तेमाल

FSSAI ने सभी खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और एफएसएसएआई के क्षेत्रीय निदेशकों को पत्र लिखकर कहा है कि फलों के बाजार और मंडियों पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है। फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड जैसे रासायनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी मंडियों और गोदामों की जांच कर सुनिश्चित करना चाहिए कि कैल्शियम कार्बाइड की मौजूदगी तो नहीं मिली क्योंकि इसकी मौजूदगी फल विक्रेताओं के खिलाफ परिस्थितिजन्य साक्ष्य माना जाएगा। इससे खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत केस चलाने की भी संभावना बन सकती है।

कृत्रिम रूप से फलों को पकाने पर प्रतिबंध

एफएसएसएआई का कहना है कि फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे सख्त रूप से वर्जित किया गया है। कैल्शियम कार्बाइड से सेहत संबंधित कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। मुंह में छाले, गैस्ट्रिक जलन और कैंसरकारी गुण भी होते हैं। एफएसएसएआई ने व्यापारियों को जागरू करने और फलों को रसायनों से पकाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आग्रह किया है। साथ ही, 'एथिलीन गैस: एक सुरक्षित फल पकाने वाला' शीर्षक से फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए मार्गदर्शन भी जारी किया है।

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