Artificial Rain: दिल्ली में कृत्रिम बारिश को मंजूरी, MoU साइन, जानें पूरा प्लान

दिल्ली में कृत्रिम बारिश।
Artificial Rain: दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। हर साल दिल्लीवासी प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य परेशानी झेलते हैं। सर्दियों में दिल्ली की हवा दमघोंटू हो जाती है। हर बार सरकार के उठाए गए कदम कारगर साबित नहीं होते। बीते कई सालों से दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए आर्टिफिशियल रेन कराने की चर्चा होती है। हालांकि अब तक इसके लिए परमिशन नहीं मिल सकी। हालांकि अब दिल्ली सरकार को DGCA से आर्टिफिशियल रेन की अनुमति मिल गई है। इसके बाद दिल्ली सरकार ने IIT कानपुर के साथ एक MOU भी साइन कर लिया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि दिल्ली सरकार को 2 महीने अक्टूबर और नवंबर में कृत्रिम बारिश कराने की इजाजत मिली है। अक्तूबर में 7 से 9 अक्टूबर के बीच आर्टिफिशियल रेन कराई जा सकती है। वहीं नवंबर के बारे में विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेना के विमान कृत्रिम बारिश के लिए हिंडन एयरबेस से उड़ान भरेंगे। ये विमान 100 किलोमीटर के रेडियस को कवर करेंगे।
लागत की बात करें, तो शुरुआत में IIT को 3.2 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इसमें 5 ट्रायल होंगे। अगर ट्रायल बढ़ेंगे, तो 20 लाख रुपए प्रति ट्रायल के हिसाब से और देना होगा। हालांकि प्रदूषण के मामले में ये कितना सफल होगा ये कह पाना मुश्किल है। मंत्री ने कहा कि हर काम उम्मीद पर ही किया जाता है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में 182 दिनों से साफ हवा मिल रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों को साफ हवा देने के लिए आगे भी काम किए जाएंगे।
आज सीएम रेखा गुप्ता ने IIT कानपुर के साथ क्लाउड सीडिंग को लेकर करार करते हुए कहा कि दिल्ली के लोग हर साल प्रदूषण से जूझते हैं। इसके लिए दिल्ली सरकार ने हर दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। दिल्ली में पहली बार मैकेनिकल स्वैपिंग, स्प्रिंकिकिंग, डस्ट मिटिगेशन प्लान लाए गए हैं। इससे दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है।
