Firecrackers Ban Case: दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में जला सकेंगे ग्रीन पटाखे, सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखे फोड़ने की दी अनुमति।
Firecrackers Ban Case: दिल्ली-एनसीआर में काफी समय से पटाखों पर बैन लगा हुआ है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल दिल्लीवासियों को पटाखे फोड़ने की थोड़ी सी छूट दे दी है। दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बैन पर चीफ जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनवाई करते हुए ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत दे दी है। हालांकि कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान ही पटाखा बैन में कुछ हद तक छूट देने के संकेत दे दिए थे। पिछली सुनवाई के दौरान कहा गया था कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखा फोड़ने पर पूरी तरह से रोक लगाना व्यावहारिक और आदर्श स्थिति नहीं है।
बता दें कि इस मामले में 10 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हरित पटाखों के निर्माण में और बिक्री की अनुमति देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा था कि क्या पटाखा बैन के बाद AQI पर कोई असर पड़ा था? चीफ जस्टिस ने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में अधिकतर पटाखे तस्करी करके लाए जाते हैं। ऐसे में ये पटाखे ग्रीन पटाखों से ज्यादा नुकसानदायक हैं। इसके लिए हमें बैलेंस एप्रोच लेने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में बाहर से किसी तरह के पटाखे नहीं लाए जाएंगे। अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति होगी। हालांकि अगर कोई नकली ग्रीन पटाखे बेचता पाया जाता है, तो उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा।
सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि उन्होंने सॉलिसिटर जनरल और एमिकस क्यूरी के सुझावों पर विचार किया। इस दौरान पाया गया कि उद्योग जगत की भी अपनी चिंता है। अगर पटाखे बेचने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो लोग पारंपरिक पटाखों की तस्करी कर दिल्ली में लाते हैं, जिससे ज्यादा नुकसान होता है। हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में शाम 6 बजे से 7 बजे तक और फिर 8 बजे से 10 बजे तक पटाखे चलाए जा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के 14 जिले एनसीआर क्षेत्र में आते हैं। ऐसे में जब पटाकों पर बैन लगाया गया था, तब से अब तक सिर्फ कोविड काल को छोड़कर वायु गुणवत्ता में खास अंतर देखने को नहीं मिला। हालांकि ग्रीन पटाखों के आने के बाद पिछले 6 सालों में ग्रीन पटाखों से प्रदूषण में काफी कमी आई है।
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