Farmers Protest: ग्रेटर नोएडा में किसानों की महापंचायत, इन मांगों के खिलाफ प्राधिकरण पर 'हल्ला बोल'

ग्रेटर नोएडा में किसान आंदोलन।
Farmers Protest in Greater Noida: बुधवार को ग्रेटर नोएडा के गलगोटिया अंडरपास के पास किसानों की महापंचायत हुई। एक बार फिर किसान संगठन भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, आबादी भूखंड और पुनर्वास की लंबित मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठनों ने एकजुट होकर यमुना प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ महापंचायत की। इस महापंचायत में ट्रैक्टर से सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंचे।
महापंचायत के जरिए किसान संगठन अपनी सालों से लंबित मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। वे आपसी टूट-फूट के बाद एक बार फिर एकजुटता और ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते महीनों में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कई बार किसानों ने आंदोलन की कोशिश की लेकिन किसान नेताओं की गिरफ्तार के कारण प्रदर्शन नहीं हो सके।
बता दें कि लंबे अंतराल के बाद भारतीय किसान यूनियन, किसान एकता महासंघ, जय जवान जय किसान मोर्चा समेत अन्य किसान संगठनों ने एक बार फिर एकजुट होकर संयुक्त मंच पर आने का फैसला लिया। किसानों का कहना है कि उन्हें 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा, 7 फीसदी आबादी भूखंड, एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों को पुनर्वास का लाभ, लीजबैक व्यवस्था और औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय युवाओं की नौकरी जैसी मांगे हैं, जिन्हें अब तक माना नहीं गया है।
इस महापंचायत में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना प्राधिकरण, बुलंदशहर विकास प्राधिकरण, एनटीपीसी, डीएमआईसी, डीएफसी, यूपीएसआईडीसी, शिवनादर यूनिवर्सिटी, हाईटेक ग्रुप, अंसल बिल्डर जैसी तमाम संस्थाओं की परियोजनाओं से प्रभावित किसानों के मुद्दे को उठाया गया है। इन परियोजनाओं से प्रभावित किसान बड़ी संख्या में महापंचायत में शामिल होने पहुंचे।
परियोजनाओं से प्रभावित किसानों की मांग है कि इन परियोजनाओं में जिन लोगों की जमीन अधिग्रहण की गई है, उन्हें बाजार दर से चार गुणा ज्यादा मुआवजा मिलना चाहिए। जिनके पास जमीन नहीं है, उन्हें कम से कम 120 वर्ग मीटर भूखंड दिया जाए। गांवों के विकास, टोल टैक्स से राहत और युवाओं को रोजगार जैसे मुद्दे उठाए गए।
