Al-Falah University: इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी मिर्ज़ा शादाब बेग निकला अल-फलाह यूनिवर्सिटी का छात्र, 17 साल से फरार

इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी मिर्जा शादाब अल-फलाह यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट।
Al-Falah University: दिल्ली में लाल किला के पास हुए ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता चला जा रहा है। दिल्ली में 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट में डॉक्टर उमर नबी का मामला सामने आने के बाद कईं खुलासे हो रहे हैं। इस यूनिवर्सिटी के कईं स्टूडेंट्स का लिंक आतंकी गतिविधियों में सामने आ चुका है। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि इंडियन मुजाहिद्दीन का सक्रिय सदस्य मिर्ज़ाशादाब बेग भी इस यूनिवर्सिटी में पढ़ चुका है। शादाब बेग पर जयपुर, अहमदाबाद और गोरखपुर धमाके कराने का आरोप है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिर्ज़ा शादाब बेग भी अल-फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज का स्टूडेंट था। साल 2008 में उसने फरीदाबाद की अल-फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक पूरा किया था। 2008 में ही बेग का नाम अहमदाबाद में हुए सीरियल धमाकों में सामने आया था। ऐसे में पढ़ाई के दौरान वह हमले की प्लानिंग करने में लगा हुआ था। बताया जा रहा है कि मिर्जा शादाब बेग पिछले 17 साल से फरार चल रहा है। ऐसा माना जाता है कि इसकी लोकेशन अफगानिस्तान में है, लेकिन अब तक इसे पकड़ा नहीं गया है।
बम बनाने में माहिर था शादाब
मिर्ज़ा शादाब बेग इंडियन मुजाहिदीन का एक बेहद अहम सक्रिय सदस्य था। बताया जा रहा है कि 2008 में जयपुर धमाके में विस्फोटक इकट्ठा करने के लिए वह उडुपी गया था। उडुपी में मिर्जा शादाब बेग ने रियाज और यासीन भटकल को भारी मात्रा में डेटोनेटर और बेयरिंग मुहैया कराए थे।
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई के चलते बेग को बम बनाने की तकनीक में काफी माहिर माना जाता था। 2007 में गोरखपुर हमले में भी मिर्ज़ा शादाब का नाम सामने आया था। इन धमाकों में 6 लोग घायल हुए थे। इंडियन मुजाहिद्दीन के खुलासे के बाद से मिर्ज़ा शादाबा बेग फरार है। धमाकों में नाम आने के बाद पुलिस ने मिर्जा शादाबा पर 1 लाख का इनाम घोषित किया था।
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