Donald Trump ILL Health: हाथों पर निशान, पैरों में सूजन...ट्रंप को हुई ये गंभीर बीमारी, कितनी खतरनाक?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गंभीर बीमारी से पीड़ित।
Donald Trump Disease: अमेरिका के राष्ट्रपति इन दिनों एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके लक्षण हाल ही की उनकी कुछ तस्वीरों में देखने को मिले हैं। ट्रंप के पैरों में सूजन की शिकायत मिलने के बाद उनका चेकअप किया गया। मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया कि डोनाल्ड ट्रंप को नसों की एक गंभीर बीमारी है, जिसे 'क्रॉनिक वेनस इन्सफिशिएंसी' (CVI) कहा जाता है।
व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कोरलाइन लेविट ने बताया कि ट्रंप को 'डीप वेन थ्रोम्बोसिस या आर्टेरियल डिजीज' जैसी किसी बीमारी के लक्षण नहीं मिले हैं, लेकिन वह CVI से पीड़ित हैं, जो उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी है। आइए जानते हैं कि यह बीमारी कितनी खतरनाक है...
ट्रंप के हाथों पर निशान और पैर में सूजन
बता दें कि पिछले कुछ समय से डोनाल्ड ट्रंप की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आईं, जिसमें गंभीर बीमारी के लक्षण दिखाई दिए। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 जुलाई को न्यूजर्सी में हुए फीफा क्लब वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान फोटोग्राफरों ने ट्रंप के पैरों की फोटो ली थी, जिसमें सूजन थी। कुछ दिनों बाद व्हाइट हाउस में ट्रंप की मुलाकात बहरीन के प्रधानमंत्री सलमान बिन हमद बिन ईसा अल-खलीफा से हुई। उस दौरान उन दोनों की ली गई तस्वीरों में देखा गया कि ट्रंप के हाथों पर कुछ निशान हैं।
इन तस्वीरों के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा था कि ट्रंप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। वहीं, ट्रंप के डॉक्टर का कहना है कि बार-बार हाथ मिलाने और एस्पिरिन लेने की वजह से उनके हाथों पर निशान पड़े हैं। बता दें कि एस्पिरिन एक ब्लड-थिनर मेडिसिन है, जो खून को पतला करके थक्का जमने से रोकती है। इस प्रकार यह दिल के दौरे और स्ट्रोक की संभावना को कम करने में सहायक होती है।
क्या होती है क्रॉनिक वेनस इन्सफिशिएंसी?
डॉक्टरों का कहना है कि 'क्रॉनिक वेनस इन्सफिशिएंसी' (CVI) पैरों की नसों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इसमें पैरों की नसें और उनके वॉल्व कमजोर हो जाते हैं, जिसकी वजह से ये नस, हार्ट तक खून वापस नहीं भेज पाती हैं। बता दें कि हमारे पैरों की नसों में वाल्व होते हैं, जो खून को हार्ट की ओर वापस जाने में मदद करते हैं, लेकिन CVI में ये वाल्व खराब हो जाते हैं। इसके कारण खून पैरों में ही जमा होने लगता है। साथ ही नसों में भी दबाव बढ़ता है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
बीबीसी के अनुसार, वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी में वैस्कुलर सर्जरी विभाग के चेयरमैन डॉ. मैथ्यू एडवर्ड्स ने कहा कि CVI अपने आप में कोई गंभीर बीमारी नहीं है। हालांकि यह कुछ गंभीर स्थितियों से जुड़ी हो सकती है। डॉ. मैथ्यू एडवर्ड्स का कहना है कि ट्रंप की उम्र के करीब 10 से 35 प्रतिशत लोगों को यह बीमारी हो सकती है। डॉ. एडवर्ड्स ने माना कि ट्रंप की उम्र और एस्पिरिन दवा लेने की वजह से ये निशान हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में नीले निशान पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। यह खासकर उन लोगों में होता है, जो एस्पिरिन या अन्य ब्लड थिनिंग दवाएं लेते हैं।
कितनी खतरनाक है CVI?
डॉक्टरों का कहना है कि CVI ज्यादा खतरनाक बीमारी नहीं हैं, लेकिन अगर समय रहते इलाज न कराया जाए, तो मरीज को काफी ज्यादा दिक्कत हो सकती है। इस बीमारी से पैरों में लगातार रहने वाली सूजन और चलने में परेशानी होने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान हो सकता है।
क्रॉनिक वेनस इन्सफिशिएंसी यानी CVI में पैरों में ब्लड फ्लो धीमा होने लगता है। पैरों की नसों से ब्लड वापस हार्ट तक नहीं पहुंच पाता है। इस बीमारी का इलाज न होने पर पैरों की नसों में दबाव बढ़ जाता है, जिससे सबसे छोटी ब्लड वेसल्स यानी कैपिलरीज फट जाती हैं। अगर ऐसा होता है, तो उस जगह पर स्किन का कलर लाल-भूरा हो जाता है। इसके अलावा अगर उस हिस्से पर थोड़ी भी चोट लग जाए या खरोंच आ जाए, तो इतने से ही स्किन फट जाती है।
समय पर इलाज जरूरी
अगर इंसान के पैरों में छोटी ब्लड वेसल्स यानी कैपिलरीज फट जाती हैं, तो उससे वीनस स्टैसिस अल्सर, यानी स्किन पर खुले घाव हो सकते हैं। ये घाव जल्दी ठीक नहीं होते हैं। अगर इसका जल्द इलाज न किया जाए, तो उनमें इन्फेक्शन हो सकता है। ये इन्फेक्शन आसपास की स्किन में भी फैल सकता है, जिसे सेल्यूलाइटिस कहा जाता है। यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है।
क्या हैं CVI के लक्षण?
क्रॉनिक वेनस इन्सफिशिएंसी यानी CVI होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं।
- पैरों में दर्द या थकान
- रात में सोते समय पैरों में ऐंठन होना
- पैरों में जलन या झुनझुनी महसूस होना
- स्किन का कलर फीका पड़ना या फिर लाल-भूरा दिखाई देना
- पैरों के निचले हिस्से और टखनों में सूजन होना
- देर तक खड़े रहने पर सूजन बढ़ जाना
- पैरों में अल्सर (खुले घाव) होना
क्या है इसका इलाज?
क्रॉनिक वेनस इनसफिशियंसी (CVI) का इलाज किया जा सकता है। हालांकि यह इस बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है। इस बीमारी से बचने के लिए मरीज को अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए। जैसे कि वजन कम करना, रोजाना टहलना और ज्यादा देर तक एक ही पोजिशन में बैठे या खड़े न रहें।
इसके अलावा कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि यह स्पेशल मोजे होते हैं, जो ब्लड फ्लो को कंट्रोल कर सकते हैं। साथ ही सूजन और दर्द को कम करने के लिए डॉक्टरों की सलाह से दवाएं भी ली जा सकती हैं। हालांकि अगर मरीज की हालत गंभीर हो, तो लेजर ट्रीटमेंट या सर्जरी से इलाज किया जा सकता है।
