Delhi Water Bill: दिल्लीवालों को बड़ी राहत, पानी के बकाया बिलों पर ब्याज माफ, चेक करें डिटेल

दिल्ली जल बोर्ड ने पानी के बकाया बिलों पर ब्याज माफ किया।
Delhi Water Bill: राजधानी दिल्ली के लाखों लोगों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। दिल्ली सरकार ने पानी के बकाया बिलों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पानी के बिलों पर ब्याज दर घटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि लाखों उपभोक्ताओं के पानी के बिल ज्यादा आ रहे थे, जिसे कम करने के लिए लेट पेमेंट सरचार्ज हटाने का फैसला लिया गया है।
मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली में कई लोगों के वाटर बिल लाखों रुपये के आ रहे थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि जल बोर्ड की ब्याज दर 5 फीसदी थी, जो हर बिलिंग चक्र पर लगता था। इसमें कुछ चक्र मासिक और कुछ द्विमासिक थे। मासिक चक्र में 5 प्रतिशत ब्याज चक्रवृद्धि होता था। इसकी वजह से 100 रुपये का बिल एक साल में 178 रुपये हो जाता था। अब ब्याज दर 5 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दिया गया है। इससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
बकाया पानी बिल पर ब्याज माफ
दिल्ली सरकार ने लाखों उपभोक्ताओं को राहत देते हुए पानी के बिलों पर लेट पेमेंट सरचार्ज (एलपीएससी) माफ करने का फैसला लिया है। जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि दिल्ली में 29 लाख पंजीकृत उपभोक्ता हैं। उन्होंने कहा कि अगले महीने से यह योजना शुरू होगी। प्रवेश वर्मा ने कहा कि यह इस सरकार की पहली और आखिरी एलपीएससी माफी योजना होगी। इसके अलावा व्यावसायिक कनेक्शनों के लिए लेट पेमेंट सरचार्ज माफ करने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
अगले महीने से शुरू होगी योजना
दिल्ली जल बोर्ड ने सरकारी और घरेलू उपभोक्ताओं के बकाया पानी बिल पर ब्याज माफ करने का ऐलान किया है। यह योजना अगले महीने से लागू होगी।
- 31 जनवरी तक बिल जमा करने वालों को 100 फीसदी छूट
- 31 मार्च तक जमा करने वालों को 70 फीसदी छूट
जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड पर बकाया बिल 87,589 करोड़ रुपये है। इसमें से 80,463 करोड़ रुपये यानी की 90 फीसदी से ज्यादा सिर्फ ब्याज है। उन्होंने बताया कि पानी बिल माफी योजना के तहत शहर के अलग-अलग इलाकों में कैंप लगाए जाएंगे।
घरेलू कनेक्शन शुल्क में कटौती
पानी के बकाया बिल को माफ करने के अलावा कनेक्शन शुल्क में भी राहत दी गई है। अब अवैध घरेलू कनेक्शन को वैध कराने के लिए 26,000 रुपये की बजाय सिर्फ 1,000 रुपये शुल्क लिया जाएगा। हालांकि यह योजना सिर्फ 31 मार्च तक लागू रहेगी। इसके बाद फिर से 26,000 रुपये शुल्क हो जाएगा। वहीं, अवैध व्यावसायिक कनेक्शन को वैध कराने के लिए पहले 61,500 रुपये की जगह सिर्फ 5,000 रुपये देने होंगे।
