Report: दिल्ली में घटे वाहन, हादसे भी हुए कम...क्या कहती है सरकार की ताजा रिपोर्ट?

Number of vehicles decreased in Delhi
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दिल्ली में घटी वाहनों की संख्या।

Delhi Govt Report: दिल्ली में पिछले कुछ सालों में वाहनों की संख्या में गिरावट हुई। इससे सड़क हादसों में भी कमी आई है। देखें सरकार की ताजा रिपोर्ट...

Delhi Govt Report: राजधानी दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट और निजी वाहनों को लेकर सरकार की एक ताजा रिपोर्ट सामने आई है। इसके अनुसार, दिल्ली में वाहनों की संख्या में गिरावट आई है। जहां एक तरफ देश के दूसरे शहरों में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, वहीं दिल्ली में इसकी संख्या कम हो रही है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में प्रति 1,000 व्यक्तियों पर वाहनों की संख्या साल 2023-24 में 373 रह गई है। इससे पहले साल 2015-16 में यह आंकड़ा 1,000 व्यक्तियों पर 530 का था।

इसके अलावा राजधानी में सड़क हादसों में भी कमी आई है। साल 2015 में हादसों की संख्या 8,085 थी, जो कि 2021 में घटकर 4,720 पर आ गई। हालांकि साल 2022 में फिर से बढ़कर 5,560 पहुंच गई। बता दें कि यह रिपोर्ट आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय की ओर से जारी की गई है।

डीटीसी-मेट्रो का कैसा हाल?

दिल्ली स्टेट फ्रेमवर्क इंडिकेटर रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में डीटीसी और क्लस्टर बसों में बढ़ोतरी हुई है। साल 2015 में डीटीसी और क्लस्टर बसों का बेड़ा 5,842 था, जो कि 2023-24 बढ़कर में 7,485 हो गया। हालांकि इस दौरान यात्रियों की संख्या में गिरावट हुई।

इस अवधि में औसत दैनिक सवारियों की संख्या 45.9 लाख से घटकर 42.4 लाख रह गई। वहीं, दिल्ली मेट्रो की बात करें, तो मेट्रो में औसत दैनिक यात्री संख्या 2015-16 में 26.2 लाख थी, जो कि 2023-24 से बढ़कर में 57.8 लाख तक पहुंच गई।

कितने लोगों तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की पहुंच?

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023-24 में ज्यादा आबादी तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा पहुंच गई है। इस साल शहर की 45.83 फीसदी आबादी के पास सार्वजनिक परिवहन की सुविधा पहुंच गई थी। वहीं, इससे पहले 2015-16 में 42.95 फीसदी और 2022-23 में 40.80 फीसदी आबादी तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा थी। अब सरकार जनता को बेहतर सुविधाएं देने पर जोर दे रही है।

दिल्ली में कम हुए हादसे?

दिल्ली सरकार की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, शहर में निजी वाहनों की संख्या कम होने से हादसे में भी कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 में हादसों की कुल संख्या 8,085 थी। यह आंकड़ा साल 2021 में कम होकर 4,720 पर आ गया, लेकिन 2022 में फिर से हादसों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। साल 2022 में हादसों की संख्या बढ़कर 5,560 पहुंच गई।

वहीं, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2015 में सड़क हादसों में 9,880 लोग मारे गए या फिर घायल हुए थे। 2021 में यह संख्या घटकर 5,228 पर आ गई, लेकिन 2022 में फिर से बढ़कर 6,174 पहुंच गई।

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