Delhi Police: दिल्ली में फर्जी नो-एंट्री परमिट रैकेट का भंडाफोड़, पुलिस ने 19 को दबोचा

दिल्ली पुलिस ने फर्जी No Entry परमिट रैकेट का भंडाफोड़ किया।
Fake NEP Racket Busted: दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने फर्जी 'नो एंट्री' परमिट रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस रैकेट में शामिल 19 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गए है। ये लोग कमर्शियल वाहनों के लिए फेक नो-एंट्री परमिशन (एनईपी) तैयार करते थे। इसके बाद इन्हें प्रसारित और इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। अब इन सभी पर मुकदमा चलाया जाएगा। यह मामला सामने आने के बाद ट्रैफिक पुलिस ने अपना अभियान तेज कर दिया है।
आरोपियों ने कबूल किया गुनाह
दिल्ली में विशेष पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) के.जगदेसन ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने ये फर्जी परमिट अवैध रूप से संचालन करने के लिए खरीदे थे, जिससे प्रतिबंधित समय में भी उनके वाहन सड़कों पर चल सकें। उन्होंने बताया कि राजधानी में नकली एनईपी के निर्माण और बिक्री के पीछे के व्यापक नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच चल रही है।
पुलिस ने कमर्शियल वाहन मालिकों और चालकों से अपील की है कि वे दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए ही परमिट प्राप्त करें। ट्रैफिक पुलिस ने सभी नियमों का पालन करने का अनुरोध किया है।
फर्जी एनईपी को लेकर जांच जारी
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, बीते कुछ दिनों में कई कमर्शियल वाहनों द्वारा प्रतिबंधित समय में अवैध रूप से परिचालन की घटनाएं सामने आ रही थी। इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस ने हाल के दिनों में कई समन्वित अभियान चलाए, जिनमें इस नेटवर्क का खुलासा हुआ। ये रैकेट फर्जी परमिट बनवाकर वाहनों को 'नो एंट्री' जोन में चलाने की अनुमति दिलवाता था।
कहां से ले सकते हैं परमिट?
राजधानी दिल्ली में ट्रकों और अन्य कमर्शियल वाहनों के लिए 'नो एंट्री जोन' में एंट्री की परमिशन लेने की प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। अब घर बैठे ही ऑनलाइन प्रक्रिया से ऐसा संभव हो जाएगा। इससे ट्रांसपोर्टर्स, व्यापारी और ट्रक मालिकों को सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, 'नो एंट्री जोन' परमिशन के लिए घर बैठे ही https://traffic.delhipolice.gov.in/nep पर आवेदन किया जा सकता है।
राजधानी में बढ़ते ट्रैफिक की समस्याओं को कम करने और पेपरलेस गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए यह सुविधा दी जा रही है। इससे समय की बचत होगी और ऑनलाइन आवेदनों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।
