Supreme Court: दिल्ली के एंट्री पॉइंट्स होंगे ट्रैफिक मुक्त, NHAI ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

Delhi News Hindi
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 सुप्रीम कोर्ट।

Delhi Traffic: दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने के लिए NHAI ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

Delhi Traffic: दिल्ली के एंट्री पॉइंट्स को ट्रैफिक मुक्त करने के लिए NHAI ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अथॉरिटी की तरफ से 9 नगर निगम (MCD) टोल प्लाजा को तुरंत हटाने की मांग की गई है क्योंकि इन टोल प्लाजा की वजह से राष्ट्रीय राजमार्गों पर परेशानियां बढ़ रही हैं, जिसकी वजह से ट्रैफिक भी बढ़ता जा रहा है। NHAI ने यह भी कहा है कि टोल प्लाजा की वजह से राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने इंफ्रास्ट्रक्चर का लोगों को फायदा नहीं हो रहा है।

बताया जा रहा है कि NHAI ने नगर निगम से भी इस समस्या के समाधना के लिए कई बार गुहार लगाई, इसके बावजूद नगर निगम ने इसका समाधान नहीं किया है। इसके बाद NHAI को अदालत से गुहार लगानी पड़ी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी दिल्ली के बॉर्डर पर लगने वाले जाम यात्रियों के लिए गंभीर समस्या बताया है।

गडकरी ने दिल्ली सरकार और MCD से इसका तुरंत समाधान के लिए कहा है। NHAI द्वारा कोर्ट में दायर याचिका में चार स्थायी और 5 अस्थायी टोल कलेक्शन पॉइंट्स को तुरंत हटाने की मांग की है। इस फैसले के पीछे गाड़ियों के आवागमन को सुगम बनाना है।

प्रदूषण को मिलता है बढ़ावा

NHAI के मुताबिक, पिछले 10 सालों में 546 किलोमीटर लंबे 9 बड़े हाईवे बनाए गए हैं। लेकिन नगर निगम द्वारा टोल कलेक्शन पॉइंट्स के लगे रहने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गाड़ियों को टोल पर रुकने के कारण लंबा इंतजार करना पड़ता है। जिसकी वजह से लंबा जाम लगता है और प्रदूषण को भी बढ़ावा मिलता है।

NHAI ने याचिका में क्या कहा ?

  • NHAI ने तर्क दिया है कि मैनुअल टोल कलेक्शन और एनवायरनमेंट कंपनसेशन चार्ज (ECC) वसूलने का तरीका जाम लगने का मुख्य कारण है। जिसकी वजह से लोगों को हाइवे इंफ्रास्ट्रक्चर का फायदा नहीं मिल पा रहा है।
  • NHAI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 2005 के आदेश के मुताबिक पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) को बनाया गया था। जिसका उद्देश्य दिल्ली से गुजर रहे ट्रैफिक को डायवर्ट करना है, लेकिन इनका गंतव्य दिल्ली नहीं है।
  • NHAI ने याचिका में कहा है कि सड़क परिवहन मंत्रालय की 2001 की नीति के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर चेक बैरियर लगाने की परमिशन नहीं है, इसके लिए पहले मंत्रालय से परमिशन लेना जरूरी है। NHAI ने बताया कि केवल आपातकालीन के वक्त कानून व्यवस्था बनाए रखने या प्राकृतिक आपदाओं से छुटकारा पाने के लिए अस्थायी बैरियर लगा सकते हैं।
  • NHAI ने कहा कि MCD भी टोल कलेक्शन पॉइंट्स पर लगने वाले जाम के सुलझाने में नाकाम रहा है। जैसे दिल्ली -गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर सरहोल-राजोकरी बॉर्डर पर, नगर निगम दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने में असफल रहा। इसके अलावा MCD हाई कोर्ट के उस निर्देश का पालन करने में भी नाकाम रहा जिसमें राजोकरी (दिल्ली की ओर) के बिल्कुल बाईं ओर 6 निर्धारित लेन पर ही सख्ती से टोल वसूलने का आदेश दिया गया था।

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