Stray Dogs: दिल्ली में आवारा कुत्तों से मिलेगी निजात! MCD चलाएगी विशेष अभियान
आवारा कुत्तों से निजात के लिए एमसीडी चलाएगी अभियान।
Stray Dogs Issue: राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रही है, जिससे जनता के साथ ही प्रशासन भी चिंतित है। इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने खास योजना तैयार की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5 अगस्त से एमसीडी आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण का महाअभियान शुरू करने जा रहा है। इस दौरान दिल्ली के 12 विधानसभा क्षेत्रों में पूरे महीने पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। इसमें प्रयास रहेगा कि करीब 70-80 फीसदी तक आवारा कुत्तों की नसबंदी कर दी जाए।
इसको लेकर बुधवार को एमसीडी की स्थायी समिति द्वारा बनाई गई कमेटी की बैठक हुई, जिसमें कई फैसले लिए गए। इसमें कहा गया कि मौजूदा एनजीओ से दोबारा बातचीत शुरू की जाए और नए संस्थाओं को भी जोड़ा जाए।
हर जोन में शेल्टर बनाने का प्रस्ताव
इस बैठक में फैसला लिया गया कि जल्द ही हर जोन में एक-एक डॉग शेल्टर भी बनाए जाएगा। साथ ही नसबंदी का अभियान तेज करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों को स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा लावारिस कुत्तों की समस्या से राहत दिलाने के लिए मौजूदा नियमों में बदलाव करने की मांग की है। एक अधिकारी ने बताया कि मौजूदा पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023, कुत्तों को 10 दिनों से अधिक समय तक रखने की अनुमति नहीं देता है। प्राथमिकता के आधार पर मानदंडों में संशोधन के लिए केंद्र से मदद ली जाएगी। इसके लिए नियमों में बदलाव को संशोधन करने के सुझाव भेजे जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक, अभी के समय में एमसीडी में 20 नसबंदी केंद्र हैं। इनका संचालन 13 गैर सरकारी संगठनों द्वारा किया जाता है। इन केंद्रों के जरिए हर दिन लगभग 10 हजार कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण करने की क्षमता है।
दिल्ली सरकार ने भी की बैठक
राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों और पशुओं के हमलों की बढ़ती घटनाओं के मुद्दे पर दिल्ली सरकार भी चिंतित है। इस मुद्दे को लेकर दिल्ली सरकार ने बुधवार को एक हाई लेवल कमेटी की बैठक की। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में शहरी विकास मंत्री आशीष सूद और पशु विभाग के मंत्री कपिल मिश्रा भी शामिल हुए। दिल्ली सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए विचार कर रही है। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि आवारा कुत्तों के मुद्दे पर सभी पक्षों की राय ली जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो सरकार कोर्ट भी जाएगी।
