Delhi Bungalow: दिल्ली के इस शापित बंगले में रहना चाहते हैं मंत्री रविंद्र, क्या बदलेगा इतिहास या जाएगी कुर्सी?

Delhi Bungalow Mystery
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दिल्ली का शापित बंगला

दिल्ली में 33 श्याम नाथ मार्ग स्थित बंगले को शापित बंगला कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो मुख्यमंत्री इस बंगले में रहा, उसकी कुर्सी ज्यादा दिन नहीं चल पाई।

Delhi Shapit Bungalow: दिल्ली में मशहूर बंगला 33 श्यामा नाथ मार्ग पिछले कई सालों से शापित बंगला कहलाता है। लोगों का मानना है कि जो भी मुख्यमंत्री या मंत्री इसमें रहता है, उसकी कुर्सी ज्यादा दिन नहीं टिकती है। खबर आ रही हैं कि दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री रविंद्र इंद्राज इस बंगले में रहने की योजना बना रहे हैं। सोचने वाली बात यह है कि इस बंगले में आने से क्या इनकी किस्मत बदलेगी या फिर से पुराना इतिहास दोहराया जाएगा? हालांकि उन्हें अभी अंतिम मंजूरी नहीं दी गई है।

बंगले का इतिहास

यह बंगला साल 1920 में ब्रिटिश काल में बनाया गया था। यह दो मंजिला औपनिवेशिक बंगला है। शुरुआत में इसका दिल्ली के मुख्यमंत्री के अधिकारिक आवास के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन 1952 में जब दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश यहां रहने आए थे। उसके कुछ सालों में उनका कार्यकाल खत्म हो गया। साल 1955 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और इसके बाद से ही इस बंगले को लोग मनहूस मानने लगे थे।

शापित होने की शुरुआत

साल 1993 में जब दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) की व्यवस्था लागू हुई थी, तो इस बंगले को उस समय के मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना को दे दिया गया। लेकिन जल्दी ही हवाला घोटाले के कारण उन्हें अपनी कुर्सी को छोड़ना पड़ा था। इसके बाद से ही इस बंगले को शापित बंगला कहा जाने लगा। मदन लाल खुराना के बाद मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने इस बंगले में रहने से साफ मना कर दिया था। उन्होंने इस बंगले का इस्तेमाल केवल अपने कैंप ऑफिस के रूप में इस्तेमाल किया। परन्तु उनका कार्यकाल भी पूरा नहीं हो पाया। इसके बाद अगली मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इस बंगले में कदम नहीं रखा और वो अपने पुराने सरकारी आवास मथुरा रेड पर ही रह रही थीं।

इस बंगले में रहने वाले आखिरी मंत्री

इस बंगले में आखिरी बार श्रम मंत्री दीप चंद बंधु रहने आए थे। उन्होंने लोगों की बातों को अंधविश्वास मानते हुए 2003 में इस बंगले में रहना शुरू किया था। लेकिन कुछ समय बाद गंभीर बीमारी से उनकी मौत हो गई। यह बंगला फिर से खाली हो गया। 2013 में आईएएस अधिकारी शक्ति सिन्हा ने कुछ समय के लिए इस बंगले में रहने की कोशिश की, लेकिन वो भी जल्द ही रिटायर होकर चले गए। तब से ही यह बंगला वीरान पड़ा हुआ है।

नई शुरुआत की तैयारी

हाल ही में समाज कल्याण मंत्री रविंद्र इंद्राज इस बंगले को देखने गए थे। जो फिलहाल 8 राज निवास मार्ग पर रहते हैं। जहां पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी रहती हैं। सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों ने रविंदर इंद्रज को 33 श्याम नाथ मार्ग वाला बंगला दिखाया है।

एक अधिकारी ने बताया कि मंत्री जी को बंगले की बदनामी के बारे में सब बता दिया गया है। इसके बावजूद उन्होंने इसे देखने में रूचि दिखाई हैं। परन्तु उन्होंने अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

बंगले का कई बार बदला किरदार

बीते कुछ सालों में इस बंगले को कई नए कामों के लिए इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई है। कभी इसे स्टेट गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल किया गया, तो कभी साल 2015 में आम आदमी पार्टी सरकार ने इस बंगले को दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (DDDC) का दफ्तर बना दिया। मगर साल 2022 में DDDC भंग होने के साथ ही यह दफ्तर भी बंद हो गया। अब इस बंगले के कुछ हिस्सों में उपराज्यपाल कार्यालय के कुछ कर्मचारी काम कर रहे है।

क्या टूटेगा इस बंगले से जुड़ा अंधविश्वास

अब जरूरी बात यह है कि अगर रविंद्र इंद्राज यहां पर रहने आते हैं, तो क्या इस बंगले की शापित छवि खत्म होगी या फिर से इतिहास दोहराया जाएगा। लगभग दो दशक से खाली पड़ा यह बंगला अब एक बार फिर चर्चा में है।

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