Delhi Cinema Halls: कभी भीड़ से गुलजार थे, अब टूटने जा रहे दिल्ली के ये दो सिनेमा घर

Samrat or Naraina Cinema Halls of Delhi
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दिल्ली के सिनेमा हॉल की प्रतीकात्मक फोटो

कभी 'शोले' तो कभी 'हम आपके है कौन' से लेकर अनगिनत मूवी दिखाने वाले सम्राट और नारायणा सिनेमाघरों का इतिहास अब खत्म होने जा रहा है। इन्हें जल्द तोड़ा जाने वाला है।

सम्राट सिनेमा और नारायणा सिनेमा हॉल कभी दिल्ली की शान हुआ करते थे। अब उनकी गिनती केवल दिल्ली की पुरानी इमारतों की लिस्ट में होगी क्योंकि इन दोनों का सफर अब खत्म होने वाला है। इनकी जगह पर अब कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे। ये दोनों सिनेमा हॉल सिंगल-स्क्रीन थिएटर हुआ करते थे, जो हमेशा भीड़ से खचाखच भरे रहते थे।

एक समय पर इन सिनेमाघरों में फिल्म देखने के लिए लम्बी-लम्बी कतारें लगा करती थीं। लोग ब्लैक में भी टिकट खरीदकर फिल्म देखा करते थे। इन सिनेमाघरों के अंदर हीरो के डायलॉग पर बजती तालियों की गूंज, समोसे और पॉपकॉर्न की खुशबू आज भी दिल्लीवासियों के दिलों में बसी है। एक फिल्म को लोग कई-कई बार देखने जाया करते थे। हमेशा भीड़भाड़ से गुलजार रहने वाले ये सिनेमा घर सालों से वीरान पड़े हैं। इन दोनों को कई सालों पहले ही बंद कर दिया गया था। वीरान पड़े होने के कारण ये पूरी तरह जर्जर और खंडहर में बदल चुके हैं। इनके दोबारा से निर्माण के लिए दिल्ली शहरी कला आयोग ने (DUAC) मंजूरी दे दी है। शकूरपुर में स्थित सम्राट सिनेमाघर को तोड़ने का काम शुरू किया जा चुका है।

दिल्ली शहरी कला आयोग के अनुसार, सम्राट सिनेमा हॉल बनाने के लिए पहली बार प्रस्ताव 2017 में दिया गया था। हालांकि बाद में इसे संशोधित किया गया। मंजूरी योजना के तहत प्रस्ताव में इसकी जगह पर दो बेसमेंट, एक ग्राउंड फ्लोर और ऊपरी छह मंजिल बनाने को मंजूरी दी गई। साथ ही इसके अंदर गाड़ियों की डबल-स्टैक पार्किंग की सुविधा का प्रस्ताव भी रखा गया।। इतना ही नहीं सुंदरता बढ़ाने के लिए और गर्मी को कम करने के लिए सोलर पैनल लगाने का भी सुझाव दिया गया।

नारायणा सिनेमा हॉल के लिए प्रस्ताव हाल ही में जमा किया गया। इस प्रस्ताव में दो बेसमेंट, ग्राउंड-प्लस-टू-फ्लोर की इमारत बनाने की बात कही गई है। दिल्ली शहरी कला आयोग ने यहां पर भी पार्किंग और सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल पर काफी जोर दिया है। यह सिनेमा हॉल नारायणा इंडस्ट्रियल एस्टेट का हिस्सा है, जो नारायणा PVR से लगभग 1 किलोमीटर दूर स्थित है।

दिल्ली का सम्राट सिनेमा हॉल सांस्कृतिक यादों में बसा है। अमिताभ बच्चन की फिल्म सुहाग के साथ ही 1979 में इस सिनेमा हॉल की शुरुआत हुई थी। इसने लगभग चार दशकों तक लोगों का मनोरंजन कर उनके दिलों पर राज किया। नोटबंदी के समय 2017 में इसकी रफ्तार धीमी पड़ गई। उस समय सिंगल-स्क्रीन की जगह मल्टीप्लेक्स ने ले ली थी। फिर भी सम्राट सिनेमा हॉल हरियाणा और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के आस-पास के लोगों का पसंदीदा बना रहा था।

हालांकि अब के मल्टीप्लेक्स उन सिनेमाघरों की यादें कभी नहीं छीन सकता। जो लोग इन सिनेमाघरों को देखकर बड़े हुए, वो इन सिनेमाघरों की अनेकों यादें अपने आप में संजोयए हुए हैं। ये लोग अपने परिवार के साथ इन सिनेमाघरों में वीकेंड या स्पेशल ऑकेजन पर मूवी देखने जाया करते थे। कई कपल का प्यार तो इन्हीं सिनेमाघरों की चौखटों पर परवान चढ़ा। इन सिनेमाघरों की यादें अब सिर्फ इतिहास के पन्नों में दर्ज रह जाएंगी।

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