Delhi Riots 2020: 'सत्ता-परिवर्तन की थी साजिश...' दिल्ली दंगा केस में पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा

Delhi Riots 2020
X

दिल्ली दंगा केस में पुलिस ने किया बड़ा खुलासा।

Delhi Riots 2020: दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि 2020 में दिल्ली में हुए दंगे देश में सत्ता परिवर्तन कराने की साजिश का हिस्सा थे। जानें पुलिस ने और क्या दावे किए?

Delhi Riots 2020: साल 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में बड़ा दावा किया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक दंगे फैलाने का मकसद देश में सत्ता परिवर्तन कराना था। ये एक अभियान का हिस्सा थे। दरअसल, इन दंगों के आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और अन्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई है।

इस मामले में 31 अक्टूबर को सुनवाई होने वाली है। इससे एक दिन पहले आरोपियों की जमानत याचिका के विरोध में दिल्ली पुलिस ने अदालत में एक हलफनामा दायर किया है। इसमें पुलिस ने दावा किया कि राजधानी में दंगे स्वत: नहीं हुए थे। यह एक सुनियोजित प्रयास था, जिसका मकसद देश में शांति भंग करना और वैश्विक स्तर पर भारत की छवि खराब करना था।

ट्रंप की यात्रा के दौरान दंगे की योजना

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश से जुड़े यूएपीए मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य की जमानत याचिका पर आपत्ति जताई है। दिल्ली पुलिस ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जिक्र करने वाली चैट भी शामिल है। इससे साफ होता है कि यह साजिश उस समय अंजाम देने की पूर्व योजना थी, जब अमेरिकी राष्ट्रपति भारत की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले थे।

दिल्ली पुलिस के हलफनामे में कहा गया है कि ऐसा इसलिए किया गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित किया जा सके। इसके साथ ही सीएए के मुद्दे को भारत में मुस्लिम समुदाय के नरसंहार के रूप में चित्रित करके वैश्विक मुद्दा बनाया जाए। हलफनामे में कहा गया है कि सीएए के मुद्दे को सावधानीपूर्वक चुना गया, जिससे 'शांतिपूर्ण विरोध' के नाम पर एक 'कट्टरपंथी उत्प्रेरक' के रूप में काम किया जा सके।

दिल्ली दंगे में हुई थी 53 मौतें

दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा रची गई गहरी और पूर्व नियोजित साजिश के परिणामस्वरूप 53 लोगों की मौत हुई। इस हिंसा से सार्वजनिक संपत्ति को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा, जिसको लेकर सिर्फ दिल्ली में 753 एफआईआर दर्ज की गईं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि रिकॉर्ड में मौजूद सबूतों से पता चलता है कि इस साजिश को पूरे भारत में दोहराने और अंजाम देने की कोशिश की गई थी।

दरअसल, फरवरी 2020 में दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ, जिस दौरान हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में 53 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जबकि सैंकड़ों लोग घायल हुए थे।

31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

दरअसल, दिल्ली दंगा 2020 के मामले के उमर खालिद, शरजील इमाम समेत 9 आरोपियों की जमानत ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। 2 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने इन सभी आरोपियों की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी। अब इस मामले में 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें। हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए haribhoomi.com के साथ।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story