Delhi Property Tax: बिना ब्याज-जुर्माने के भरें प्रॉपर्टी टैक्स, MCD की 'सुनियो' योजना का उठाएं लाभ

दिल्ली एमसीडी
दया राम/नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की ’सम्पत्तिकर निपटान योजना’ (सुनियो) का सम्पतिकर दाता जमकर लाभ उठा रहे हैं। नरेला जोन के कर-निर्धारण एवं समाहरण विभाग में संयुक्त कर निर्धारक एवं समाहर्ता मनीष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि करदाताओं की सुविधा के लिए सुनियो है और वित्त वर्ष 2020-21 से पहले के सभी बकाया संपत्ति कर व्याज और जुर्माना सहित माफ है। इसे लेकर करदाताओं में उत्साह है और यहां जमावड़ा देखा जा रहा है। बता दें कि यह योजना 1 जून 2025 से लेकर 30 सितंबर 2025 तक लागू रहेगी।
क्या है पूरी योजना?
दिल्ली नगर निगम की ओर से सार्वजनिक सूचना भी जारी की गई है और निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी प्रकार की संपत्तियों के लिए एकमुश्त संपत्ति कर माफी योजना 2025-26 की शुरुआत की गयी है, जिसे ’सम्पत्तिकर निपटान योजना’ (सुनियो) “एक प्लस पांच“ कहा गया है। अधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि इस योजना की मुख्य विशेषता यह है कि 'एक प्लस पांच' का मतलब है कि करदाता को चालू वर्ष 2025-26 और पिछले पांच (5) वर्षों (यानी वित्त वर्ष 2025-26 और वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25) के लिए ब्याज और जुर्माने के बिना संपत्ति कर का भुगतान करना होगा।
प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करने के लिए आपको नगर निगम की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन स्व-मूल्यांकन संपत्ति कर रिटर्न (एसएपीटीआर) दाखिल करनी होगी। एमसीडी ने करदाताओं की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 91-7065064988 भी जारी किया गया है। बता दें कि संपत्ति कर भुगतान केवल ऑनलाइन मोड में होगा।
ये लोग भी उठा सकते हैं योजना का लाभ
मनीष कुमार ने बताया कि विभिन्न न्यायालयों में संपत्ति कर से संबंधित लंबित मुकदमों वाले संपत्ति धारक भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। एसएपीटीआर भरने के दो महीने के भीतर अथवा योजना के बंद होने तक बिना किसी ब्याज और जुर्माने के, गलत स्व-मूल्यांकन संपत्ति कर रिटर्न को सुधारने की सुविधा रहेगी।
पहले से निपटाए गए मामलों को फिर से नहीं खोला जाएगा
योजना के समापन के बाद पीटीआर की जांच की जाएगी और योजना के अंतर्गत देय शेष देनदारी का भुगतान 30 प्रतिशत जुर्माने सहित करना होगा। योजना के दौरान अधिक राशि का भुगतान किए जाने पर करदाता को क्रेडिट नोट जारी किया जाएगा। पहले से निपटाए गए मामलों को इस योजना के अंतर्गत दोबारा नहीं खोला जाएगा। जो लोग इस योजना का लाभ उठाने में असफल रहते हैं, उन्हें ब्याज और जुर्माने के साथ सभी कर देय राशि का भुगतान करना होगा।
