Delhi Pollution: दिल्ली में 1 नवंबर से इन वाहनों की एंट्री बैन, CAQM का फैसला

Commercial Vehicles Ban In Delhi
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दिल्ली में 1 नवंबर से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की एंट्री बैन।

Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले कमर्शियल वाहनों को 1 नवंबर से एंट्री नहीं मिलेगी। इसको लेकर सीएक्यूएम की ओर से आदेश जारी किया गया है।

Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। इसके कारण कमीशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत 1 नवंबर से पॉल्यूशन फैलाने वाले कमर्शियल वाहनों को दिल्ली में एंट्री नहीं दी जाएगी। सीएक्यूएम ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को पराली जलाने के मामलों में कड़ा एक्शन लेने के निर्देश भी दिए हैं। सीएक्यूएम ने सख्त आदेश दिए हैं कि अगर कोई अधिकारी लापरवाही बरतेगा, तो उसके खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज की जाएगी।

दरअसल, शुक्रवार को सीएक्यूएम की 25वीं बैठक हुई, जिसमें सर्दियों के मौसम की तैयारियों की समीक्षा की गई। इस बैठक में फैसला हुआ कि सिर्फ बीएस-6, सीएनजी, एलएनजी और इलेक्ट्रिक मालवाहक वाहन ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे। दिल्ली में पंजीकृत बीएस-4 वाहनों जैसे एलजीवी, एमजीवी और एचजीवी को 31 अक्टूबर 2026 तक संक्रमणकाल के रूप में अनुमति दी जाएगी। वहीं, सीएक्यूएम ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को हटाने संबंधी अपने पुराने आदेश को स्थगित कर दिया है।

पराली पर कड़ी निगरानी के आदेश

सीएक्यूएम ने पराली जलाने के मामले में सख्त निगरानी करने के आदेश दिए हैं। आयोग ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अधिकारी पराली जलाने के मामलों में निगरानी बढ़ाएं और प्रभावी फसल अवशेष प्रबंधन सुनिश्चित करें। आयोग ने निर्देश दिए कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण बोर्ड 14 से 25 अक्टूबर तक एयर क्वालिटी की निगरानी करेंगे और प्रदूषण नियंत्रण उपायों की समीक्षा करेंगे।

'प्रदूषण के लिए बीएस-4 वाहन जिम्मेदार नहीं'

इस आदेश के आने के बाद कारोबारियों और ट्रांसपोटर्स की परेशानी बढ़ गई है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को लेटर भेजा। इसमें कहा गया कि अगर पटाखों की वजह से दिल्ली में एक्यूआई बढ़ता है, तो उसका ठीकरा डीजल वाहनों पर न फोड़ा जाए। लेटर में कहा गया कि राजधानी में बीएस-4 डीजल वाहनों की एंट्री पर रोक न लगाई जाए। एसोसिएशन के अध्यक्ष का मानना है कि ग्रीन पटाखे उपलब्ध नहीं होने की वजह लोग सामान्य पटाखे जलाएंगे। इससे दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता है।

दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर सख्ती

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ 18 से 20 अक्टूबर तक केवल ग्रीन पटाखे बेचने की इजाजत है। ये पटाखे सिर्फ जिलाधिकारी द्वारा चुनी गई जगहों पर लाइसेंस वाली दुकानों पर ही मिलेंगे। ऑनलाइन ई-कॉमर्स के जरिए पटाखों की खरीद-बिक्री पर भी रोक है। इसके अलावा पटाखे जलाने का भी समय निर्धारित किया गया है। इसके तहत दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली के दिन सिर्फ सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति रहेगी।

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