Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण के लिए कौन जिम्मेदार, जानिए क्या बोले दिल्लीवासी?

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दिल्ली में प्रदूषण की मार।

Delhi Pollution: दिल्ली के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। इसके कारण बहुत से लोग आंखों में जलन और सांस लेने दिक्कत की शिकायत कर रहे हैं। जानें दिल्ली प्रदूषण पर दिल्लीवासी क्या कह रहे हैं?

Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। दिवाली के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया, जिसके कारण लोग आंखों में जलन औप सांस लेने में परेशानी की शिकायत कर रहे हैं। इस पर कुछ दिल्लीवासी युवकों ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बढ़ते प्रदूषण पर बात की। उनका कहना है कि लोग खुद इसके लिए जिम्मेदार हैं।

एक युवक ने कहा कि पटाखे आपको मिल जाएंगे, लेकिन उसे जलाना है या फिर नहीं, वो आपके हाथ में है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दूसरे राज्यों के लोग भी आकर रहते हैं, जिससे यहां पर आबादी 2 करोड़ से ज्यादा हो गई है। यहां पर एयर और वॉटर पॉल्यूशन है, जिसे तब तक ठीक नहीं किया जा सकता, जब तक दूसरे शहरों को ठीक नहीं करते।

'पुलिस भी डरती है...'

युवक ने आगे कहा कि लोग कहते हैं कि सरकार कुछ नहीं कर रही है, लेकिन सरकार के साथ ही लोग भी प्रदूषण के लिए उतने ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि लोग तंबाकू खाते हैं और उसका कागज-रैपर वहीं पर फेंक देते हैं। पटाखे भी लोग ही फोड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पुलिसवाले भी लोगों को कितना रोकेंगे, क्योंकि आजकल उन्हें भी डर लगता है कि कोई उनकी वीडियो बना लेगा, तो उनकी नौकरी चली जाएगी। ऐसे में सरकार को दोषी ठहराना ठीक नहीं है, क्योंकि लोग खुद ही ऐसे हैं।

वहीं, कर्तव्य पथ पर दौड़ने आए एक शख्स ने सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत की। शख्स ने कहा कि दौड़ते समय सांस लेने में दिक्कत हो रही है।

'प्रदूषण रोकना सबकी जिम्मेदारी'

दिल्ली के रहने वाले एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि अगर हर व्यक्ति जिम्मेदारी ले, तो एक्यूआई के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। सिर्फ सरकार और एजेंसियों के सोचने से कुछ नहीं होगा। ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल के स्पष्ट आदेश हैं, और अगर हम इन नियमों का पालन कर सकें, तो हम समाज की अच्छी सेवा कर रहे होंगे।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के दिन सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत थी। पटाखों को जलाने के लिए समय भी तय किया गया था, लेकिन शायद ही किसी ने इन नियमों का पालन किया हो। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो कड़े नियमों के बावजूद दिल्ली-एनसीआर के अंदर नॉर्मल पटाखों की खूब खरीद-बिक्री हुई। इसके अलावा दिवाली की देर रात तक शहर के कई इलाकों में पटाखों की गूंज सुनाई देती रही। इससे साफ होता है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद नियमों की अनदेखी की गई।

दिल्ली में कितना प्रदूषण?

दिवाली के अगले दिन दिल्ली में प्रदूषण की धुंध देखने को मिली। शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह 10 बजे दिल्ली में ओवरऑल एक्यूआई 359 दर्ज किया गया। इसके अलावा बवाना में 432, जहांगीरपुरी में 405, अशोक विहार में 408 और वजीरपुर में 408 एक्यूआई रहा, जो गंभीर श्रेणी में आते हैं।

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