Supreme Court: बच्चे के साथ फरार हुई रूसी महिला? सुप्रीम कोर्ट सख्त, पुलिस ने दिए ये तर्क

रूसी महिला विक्टोरिया बसु फरार मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
Supreme Court: रूसी महिला अपने बच्चे को लेकर फरार हो गई। ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। बीते दिन इस मामले में सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस दिया कि पुलिस को निर्देश दिए जाएं कि वो रूसी महिला और उसके बच्चे को ढूंढकर लाएं। इस पर आज हुई सुनवाई के दौरान पुलिस ने अपनी तरफ से सफाई दी है कि अब तक उन्होंने इस मामले में क्या किया?
सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक बार फिर इस मामले की सुनवाई की, बीते दिन कोर्ट ने विदेश और गृह मंत्रालय को एक रूसी महिला- विक्टोरिया बसु के लिए लुकआउट नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था। जो कथित तौर पर एक भारतीय व्यक्ति, सैकत बसु से शादी के बाद अपने पांच साल के बेटे के साथ फरार हो गई। कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकारियों से दोनों का तुरंत पता लगाने और यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि महिला देश छोड़कर न जाए।
आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम एक अजीब स्थिति में हैं। अगर उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, तो हमें नहीं पता कि वह बच्चे की देखभाल कैसे कर रही होगी?'
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'दिल्ली पुलिस ने एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें बताया गया है कि 17 जुलाई के आदेश के अनुसार उचित निर्देश जारी किए गए थे। इसमें कहा गया है कि 22 मई को पुलिस ने उस व्यक्ति के किराए के घर का दौरा किया था। एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है और पूरे भारत में एसएचओ और पुलिस को वायरलेस संदेश भेजे गए हैं। डिफेंस कॉलोनी और उसके आसपास के महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस तैनात है। नानी से संपर्क नहीं हो पा रहा था।
इस मामले पर दिल्ली पुलिस की तरफ से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि रूसी महिला कानूनी तरीके देश छोड़कर नहीं भागी है। इसके लिए लुकआउट नोटिस जारी कर दिए गए हैं। रूस एंबेसी हमारे साथ पूरी तरह सहयोग कर रही है। एंबेसी में रूसी महिला की मां ने उसके गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके लिए वो 5 जुलाई और 10 जुलाई को एंबेसी भी आई थीं। उन्हें दिल्ली पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
जस्टिस सूर्यकांत ने आशंका जताई कि महिला ने भागने के लिए निजी स्तर पर एक-दो अधिकारियों से मदद ली हो। उन्होंने इसकी इसकी पुष्टि करने की मांग करते हुए कहा कि वो दूसरा पासपोर्ट न बनवा ले। 3 अप्रैल के बाद महिला ने कोई अंतर्राष्ट्रीय यात्रा रजिस्टर नहीं हुई है। कोर्ट ने इंस्टाग्राम और जीमेल से महिला के सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी देने का अनुरोध किया गया है। बताया गया कि नाबालिग बच्ची 7 जुलाई, 2025 के बाद से स्कूल भी नहीं गई है। केनरा बैंक में उसके बैंक खाते से आखिरी लेन-देन 6 जुलाई को हुआ था।
एएसजी ने कहा कि हम इसकी जांच करेंगे। बैंक खाते में इसका कोई जिक्र नहीं है। उसके पास 169 रुपये बचे हैं। ऐसे में हमें देखना होगा कि वह पैदल कहां गई है? जानकारी के अनुसार, बच्चा भारत से बाहर नहीं गया है। रेलवे अधिकारियों को यह भी पता लगाने का निर्देश दिया गया है कि क्या वे अभी भी एनसीआर में हैं या चले गए हैं।
इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि हो सकता है कि उसने हवाई यात्रा न की हो, दूसरे साधन भी हैं। अगले 2 दिन बेहद अहम होंगे। इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी? स्थिति बहुत अजीब है... साधन सीमित होने के बावजूद वह कैसे यात्रा कर रही है और बच्चे की देखभाल कैसे कर रही है? बता दें कि महिला को 7 जुलाई को दोपहर लगभग 2:10 बजे देखा गया था।
आदेश सुनाते हुए कोर्ट ने कहा
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने आज की सुनवाई के बारे में बताया, 'याचिकाकर्ता के किराए के परिसर का पुलिस अधिकारियों ने 22 मई को दौरा किया था। उसके बाद से दिल्ली पुलिस गुप्त रूप से तलाशी अभियान चला रहे थे। याचिकाकर्ता और नाबालिग बच्चे का पता लगाने के लिए वायरलेस संदेश प्रसारित किए गए हैं। कॉल डिटेल रिकॉर्ड और यात्रा इतिहास प्राप्त कर लिया गया है।
