Samir Modi: दुष्कर्म मामले में बिजनेसमैन समीर मोदी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, दिल्ली पुलिस ने दी जानकारी

बिजनेसमैन समीर मोदी के खिलाफ पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट।
Businessman Samir Modi: दिल्ली पुलिस ने बिजनेसमैन समीर मोदी के खिलाफ कथित दुष्कर्म के मामले में साकेत जिला न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी है। पुलिस ने इसकी जानकारी दिल्ली हाईकोर्ट को दी है। बता दें, समीर मोदी को 18 सितंबर को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक महिला ने 10 सितंबर 2025 को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि समीर मोदी ने शादी और करियर में मदद का झांसा देकर 2019 से 2024 तक उसका शारीरिक शोषण किया। इसके बाद पुलिस ने समीर के खिलाफ बलात्कार और धमकी की धाराओं में केस दर्ज किया था।
जांच और चार्जशीट पर कोर्ट में बहस
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव नरूला की बेंच के सामने 11 नवंबर को सुनवाई हुई। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि बिजनेसमैन समीर मोदी के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी गई है। वहीं, समीर मोदी की तरफ से कहा गया कि पुलिस ने उनके द्वारा जांच अधिकारी को दिए गए दस्तावेजों पर विचार किए बिना ही चार्जशीट दाखिल कर दी।
अदालत समीर मोदी की उस अर्जी पर विचार कर रही थी, जिसमें 6 नवंबर को पारित एक आदेश में संशोधन की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति नरूला ने 11 नवंबर के आदेश में कहा, 'याचिकाकर्ता की शिकायत यह है कि आश्वासन के बावजूद, उसके द्वारा जांच अधिकारी को सौंपे गए दस्तावेजों पर विचार किए बिना ही चार्जशीट दायर कर दी गई।' 6 नवंबर को स्टैंडिंग काउंसल वकील वकील संजय लाओ ने कहा था कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा विधिवत जांच की जाएगी।
Businessman Samir Modi case | Delhi Police has filed a charge sheet against businessman Samir Modi in an alleged rape case. The Charge sheet has been filed before the Saket District Court. Police informed the Delhi High Court about the filing of the charge sheet.
— ANI (@ANI) November 13, 2025
An FIR under…
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 6 नवंबर को सुनवाई करते हुए समीर मोदी की कथित बलात्कार मामले में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की याचिका पर नोटिस जारी किया था।
स्टैंडिंग काउंसल वकील संजय लाओ ने कहा कि जांच अधिकारी (IO) को दस्तावेजों की जांच करनी थी, लेकिन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 193 (2) के तहत आदेश के अनुसार, आरोप पत्र 60 दिनों के भीतर दाखिल किया जाना था। अगर जांच अधिकारी दस्तावेजों के विश्लेषण में लग जाते, तो इस समयसीमा का पालन नहीं हो पाता।
वकील संजय लाओ ने कहा कि तदनुसार, याचिकाकर्ता द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों की जांच किए बिना ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया।याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम शर्मा और सिद्धार्थ यादव ने तर्क दिया कि दस्तावेज 7 नवंबर की शाम को ही जमा कराए थे, क्योंकि उनको इसका नोटिस उसी दिन शाम को ही मिला था।
जमानत और गिरफ्तारी
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 25 सितंबर को समीर मोदी को पांच लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दे दी थी। उन्हें लंदन से लौटते वक्त एयरपोर्ट पर लुकआउट सर्कुलर (LOC) के तहत हिरासत में लिया गया था। बाद में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर 18 सितंबर को कोर्ट में पेश किया था।
जमानत और गिरफ्तारी
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 25 सितंबर को समीर मोदी को पांच लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दे दी थी। उन्हें लंदन से लौटते वक्त एयरपोर्ट पर लुकआउट सर्कुलर (LOC) के तहत हिरासत में लिया गया था। बाद में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर 18 सितंबर को कोर्ट में पेश किया था।समीर मोदी ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अदालत इस पर अगली सुनवाई में फैसला ले सकती है।
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