Delhi Police: दिल्ली-NCR में फर्जी डिग्री बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़, पुलिस ने 5 आरोपियों को दबोचा

Police arrested 5 accused
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पुलिस ने 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार।

Delhi-NCR Crime: दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्रियां बेचने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

Fake Degree Racket Busted: दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से देश भर के कई यूनिवर्सिटी के फर्जी एजुकेशन सर्टिफिकेट भी बरामद किए हैं। पुलिस ने बताया कि ये सभी आरोपी फर्जी डॉक्यूमेंट और डिग्री बेचने का रैकेट चला रहे थे। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि ये गिरोह मुख्य रूप से दिल्ली-एनसीआर में कोचिंग सेंटरों और एजुकेशन एडवाइजरों के जरिए संचालित किया जाता था। उन्होंने बताया कि ये गिरोह छात्रों से पैसे लेकर फर्जी और पुरानी तारीख की डिग्रियां समेत मार्कशीट और माइग्रेशन प्रमाण पत्र जैसे डॉक्यूमेंट देते थे।

कई फर्जी सर्टिफिकेट बरामद
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान आरोपियों के कब्जे से देश के अलग-अलग यूनिवर्सिटी की ओर से जारी किए गए एजुकेशन सर्टिफिकेट बरामद किए हैं। इनमें 228 जाली मार्कशीट, 27 फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट और 20 फर्जी माइग्रेशन सर्टिफिकेट बरामद शामिल हैं। इसके अलावा आरोपियों के पास से 6 लैपटॉप और 20 मोबाइल फोन भी जब्त किए गए। पुलिस ने फोरेंसिक जांच कराई, जिसमें बीए, बीएससी, बीटेक, बीकॉम, बीएड, बीएएमएस, एमबीए और एमए की डिग्रियों सहित इसी तरह के फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों की 5,000 से 5,500 सॉफ्ट कॉपी पाई गई।

कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस ने बताया कि एक टीम को दिल्ली-एनसीआर में कुछ संस्थानों द्वारा पैसे के बदले फर्जी डिग्री देने के बारे में जानकारी मिली। सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने रैकेट के कथित सरगना विक्की हरजानी को गिरफ्तार किया, जो नेताजी सुभाष प्लेस में परमहंस विद्यापीठ का मालिक है। पुलिस ने आरोपी विक्की के ऑफिस और गाड़ी की तलाशी ली, जिसमें की राज्यों के यूनिवर्सिटी से जुड़े 75 फर्जी एजुकेशन सर्टिफिकेट पाए गए।

इसके बाद पुलिस ने विक्की हरजानी से पूछताछ की, जिसमें रैकेट के अन्य 4 सदस्यों के बारे में जानकारी मिली। पुलिस ने उन चारों को भी गिरफ्तार कर लिया। उनकी पहचान सतबीर सिंह, विवेक गुप्ता, नारायण जी और अवनीश कंसल के रूप में हुई। जानकारी के मुताबिक, ये सभी आरोपी दिल्ली-एनसीआर समेत अन्य राज्यों में अलग-अलग एजुकेशन सेंटर के मालिक हैं। पुलिस को शक है कि इस अवैध नेटवर्क में 20-25 से अधिक कोचिंग सेंटर शामिल हो सकते हैं।

छात्रों को लालच देकर बनाते थे शिकार
पुलिस के मुताबिक, ये आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके छात्रों को अपने जाल में फंसाते थे। साथ ही वे कोचिंग हब और छात्र आबादी वाले एरिया में पंपलेट बांटकर अपनी अवैध सेवाओं को प्रचार करते थे। बताया जा रहा है कि उनके द्वारा दिए जा रहे फर्जी सर्टिफिकेट यूनिवर्सिटी की ओर से जारी किए गए असली सर्टिफिकेट की तरह ही दिखते थे। पुलिस ने बताया कि ये रैकेट शॉर्टकट से डिग्री प्राप्त करने के लिए को तलाश करने वाले छात्रों को अपना निशाना बनाते थे, जिन्हें नौकरी के लिए उच्च शिक्षा की डिग्रियों की जरूरत थी।

पुलिस ने बताया कि जब कोई छात्र किसी सेंटर से संपर्क करता था या फिर टेलीकॉलर या ऑनलाइन विज्ञापनों के जरिए से उससे संपर्क करता था, तो उसके एजुकेशन और पर्सनल डिटेल्स मांगे जाते थे। इसके बाद ये डिटेल्स रैकेट के सदस्यों को भेजकर फर्जी डिग्री तैयार करवाए जाते थे। इसके लिए छात्रों से मोटी रकम वसूली जाती थी।

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