Cyber Crime: साइबर ठगों ने बुजुर्ग को बनाया शिकार, 42 लाख ठगने वाले 3 गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने 3 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया।
Cyber Crime: राजधानी दिल्ली में साइबर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने यहां एक 80 साल के बुजुर्ग से 42 लाख ठगने वाले एक ग्रुप के 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर बुजुर्ग को धमकाकर इस वारदात को अंजाम दिया। इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों से 8.49 लाख रुपए का पता लगाकर उसकी रिकवरी की प्रक्रिया शुरु कर दी है।
पुलिस के अनुसार, ठगी की यह घटना 80 साल के एक सेना के रिटायर्ड कर्मचारी के साथ हुई थी। बताया जा रहा कि पीड़ित को कुछ वॉट्सऐप नंबरों से कॉल आए थे। कॉल करने वालों ने खुद को CBI और ED का अधिकारी बताया। उन्होंने बुजुर्ग को धमकाते हुए उन पर संदिग्ध वित्तीय लेन देन शामिल होने का झूठा आरोप लगाया। इसके बाद पीड़ित बुजुर्ग ने जेल जाने और समाज में बदनामी के डर से उनके खाते में पैसा जमा कराता रहा।
दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर आदित्य गौतम ने इसके बारे में बताते हुए कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की पहचान महेंद्र कुमार वैष्णव के तौर पर हुई है, जिसकी उम्र 37 साल है। वहीं दूसरा आरोपी विशाल कुमार है, जिसकी उम्र 25 साल है। तीसरे आरोपी का नाम श्याम दास है, जिसकी उम्र 25 साल है। वहीं बताया जा रहा है कि ये तीनों आरोपी राजस्थान के पाली जिले के रहने वाले हैं। पुलिस के अनुसार, इन आरोपियों ने 10,000 रुपये प्रति खाते के बदले में अपना चालू बैंक खाता अंतरराज्यीय साइबर अपराधी के सिंडिकेट को उपलब्ध कराया था। इससे पीड़ितों से ठगी किए गए पैसे को कई माध्यमों से डायवर्ट करने और लॉन्ड्रिंग करने में मदद मिलती थी।
जांच में पता चला कि बुजुर्ग से ठगी गई राशि को 8 अलग-अलग बैंक खातों में भेजा गया था। इन खाताधारकों में से एक खाताधारक की पहचान महेंद्र कुमार वैष्णव के रूप में हुई है, जो राजस्थान के पाली का रहना वाला है। इसके बाद पुलिस उस तक पहुंची और उससे मिली जानकारी के आधार पर अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने अपने बैंक खातों को 10 हजार रुपए प्रति महीने के आधार पर सिंडिकेट से जुड़े हुए लोगों को किराए पर दिया था।
