Delhi News: डॉक्टर के कांड से टूटा मां बनने का सपना, अब देना होगा 20 लाख मुआवजा

प्रतीकात्मक तस्वीर।
दिल्ली के एक डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक महिला का मां बनने का सपना टूट गया। पीड़िता ने डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया। आयोग ने पूरा मामला सुनने के बाद सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित केयर सेंटर को 20 लाख रुपये की मुआवजा राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। आयोग ने माना कि डॉक्टर ने इलाज में जो लापरवाही की, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 40 वर्षीय सिमरन जुलाई 2020 को दरियागंज स्थित एक हेल्थ केयर सेंटर पहुंची थी। डॉक्टर ने यूरीन टेस्ट कर पुष्टि की कि वह गर्भवती है। समरीन ने बताया कि पहले प्रेग्नसी से जुड़ी समस्याएं रही हैं। इसके बावजूद उसका अल्ट्रासाउंड या विस्तृत जांच कराए बिना ही दवाएं और इंजेक्शन दे दिए।
पीड़िता का आरोप है कि इलाज के बाद से पेट में असहनीय दर्द होने लगा। उसने डॉक्टर को शिकायत दी, लेकिन नॉर्मल होने की बात कहते रहे। जब दूसरे डॉक्टर को दिखाया तो बताया गया कि उसे एक्रोपिक प्रेग्नेसी (गर्भाश्य के बाहर भ्रूण विकसित होना) थी। चूंकि समय पर सही इलाज नहीं दिया और पहचान नहीं की तो गर्भ में ही भ्रूण की मौत हो गई थी। पीड़िता ने बताया कि संक्रमण इतना बढ़ गया था कि उसकी जान बचाने के लिए डॉक्टर को फैलोपियन ट्यूब भी हटानी पड़ी।
पीड़िता ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दी थी। आरोप लगाया कि डॉक्टर कुलजीत कौर ने मेरे मां बनने के सपने को हमेशा के लिए तोड़ दिया। आयोग ने संबंधित डॉक्टर के साथ ही हेल्थ केयर सेंटर के प्रबंधन को भी कड़ी फटकार लगाई। आयोग ने प्रबंधन को पीड़िता को 20 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि कोई भी रकम पीड़िता के दर्द या खालीपन को दूर कर सकती, जिसने प्रजनन क्षमता खो दी। लेकिन 20 लाख रुपये की मुआवजा राशि डॉक्टर की गंभीर लापरवाही के लिए जवाबदेही तय करता है।
