Delhi Pollution: दिल्ली से दूर इथियोपिया की राख... ग्रैप-3 भी हटाई गई, अब कितना AQI?

दिल्ली प्रदूषण।
Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर की हवा में बुधवार को थोड़ा सुधार देखने को मिला। इसको देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 की पाबंदियां हटा दीं। इससे दफ्तरों में आधे कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होने देने से लेकर स्कूलों को हाइब्रिड मोड पर करने और वाहनों पर लगी पाबंदियों खत्म हो गई हैं।
राजधानी में ग्रैप-3 हटने के बाद अगले दिन गुरुवार को धुंध की परत छाई रही। गुरुवार को भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' कैटेगरी में रही। सीपीसीबी के अनुसार, गुरुवार सुबह 7 बजे राजधानी दिल्ली में औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 349 दर्ज किया गया, जो कि बहुत खराब कैटेगरी में आता है। इससे पहले बुधवार शाम 4 बजे दिल्ली में औसत एक्यूआई 327 दर्ज किया गया था। देखें अन्य इलाकों में क्या हाल...
दिल्ली में कहां-कितना एक्यूआई?
गुरुवार को दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई बहुत खराब कैटेगरी में दर्ज किया गया। सीपीसीबी के अनुसार, आनंद विहार में एक्यूआई 390 दर्ज किया गया, जो कि 'गंभीर' कैटेगरी से थोड़ा नीचे है। इसके अलावा दिल्ली के वजीरपुर में एक्यूआई 406 और बवाना में 405 दर्ज किया गया, जो कि गंभीर कैटेगरी में आता है। वहीं, मंदिर मार्ग में सबसे कम एक्यूआई 243 दर्ज किया गया।
इसके अलावा रोहिणी में एक्यूआई 400, विवेक विहार में 400, नेहरू नगर में 395, जहांगीरपुरी में 394, नरेला में 388, अशोक विहार में 388, पंजाबी बाग में 377, मुंडका में 377, डीटीयू में 373, चांदनी चौक में 371, बुराड़ी क्रॉसिंग में 369, आईटीओ में 357, आरके पुरम में 356, सोनिया विहार में 355, ओखला फेज-2 में 351, पटपड़गंज में 351 और जेएलएन स्टेडियम में 350 दर्ज किया गया।
सीपीसीबी के अनुसार, एम्स के आसपास एक्यूआई 347, जेएलएन स्टेडियम एरिया में 350, अक्षरधाम में 390, धौला कुआं में 356 दर्ज किया गया। वहीं, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में एक्यूआई 299, लोधी रोड में 297, अरबिंदो मार्ग में 295 और आया नगर में 282 दर्ज किया गया।
नोएडा में कितना एक्यूआई?
दिल्ली से सटे एनसीआर के इलाकों में एक्यूआई का स्तर बहुत खराब रहा। गुरुवार को नोएडा के सेक्टर-1 में एक्यूआई 361, सेक्टर-62 में 325, सेक्टर-125 में 366 और सेक्टर-116 में 406 दर्ज किया गया। वहीं, ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-3 में एक्यूआई 362, नॉलेज पार्क-5 में 388 दर्ज किया गया।
पराली से दिल्ली की हवा को कितना नुकसान?
राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा के लिए अक्सर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को जिम्मेदार माना जाता है। हालांकि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) के आंकड़े कुछ अलग ही कहानी बताते हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर की शुरुआत में दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान लगभग न के बराबर था। इसके बाद 17 अक्टूबर तक इसका हिस्सा बढ़कर 2.62 फीसदी तक पहुंच गया, जिस दौरान दिल्ली में एक्यूआई 250 का पार कर गया था।
इसके बाद 12 नवंबर तक प्रदूषण में खेतों में लगी आग से की हिस्सेदारी 22.47 फीसदी तक हो गई थी। फिर 18-20 नवंबर तक पराली जलाने का योगदान 5.4 फीसदी और 2.8 फीसदी के बीच उतार-चढ़ाव वाला रहा। इसके बावजूद एक्यूआई 325 के पार पहुंच गया। इससे पता चलता है कि सिर्फ पराली जलाने से ही दिल्ली के प्रदूषण में बढ़ोतरी नहीं होती है। यह सिर्फ प्रदूषण का एक छोटा सा हिस्सा है।
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