Delhi-NCR Earthquake: दिल्ली-एनसीआर में फिर हिली धरती, कितनी तीव्रता का आया भूकंप?

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दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके।

Delhi-NCR Earthquake: दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र हरियाणा में रहा।

Delhi-NCR Earthquake: दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर भूकंप से धरती हिल गई। मंगलवार सुबह करीब 6 बजे दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि यह भूकंप ज्यादा खतरनाक नहीं था, जिससे कहीं पर भी किसी तरह के नुकसान को कोई सूचना नहीं है। नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के अनुसार, मंगलवार को सुबह 6 बजे 3.2 की तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसका केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद में था, जिसकी सतह से लगभग 5 किमी नीचे था।

दिल्ली में इस महीने तीसरी बार आया भूकंप

दिल्ली-एनसीआर में इस महीने पहले भी कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। जुलाई 2025 में दिल्ली के अंदर तीसरी बार भूकंप के झटके महसूस हुए। इससे पहले 10 और 11 जुलाई को दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 10 जुलाई को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई थी, जबकि 11 जुलाई को 3.7 की तीव्रता का भूकंप आया था।

भूकंप आने पर क्या करें?

भूकंप के झटके महसूस होने पर डरें नहीं और अपने आप को शांत रखें।

  • अगर आप घर के अंदर हैं, तो अपने आपको मजबूत फर्नीचर जैसे टेबल या डेस्क के नीचे छिपकर खुद को कवर करें।
  • अगर घर से बाहर हैं, तो बिजली के खंभे, पेड़ और बिल्डिंग से दूर रहें खुले स्थान पर रहें।
  • अगर घर के अंदर हैं, तो खिड़की, शीशे, दीवार और पंखे से दूरी बनाए रखें। ये चीजें टूट या गिर सकती हैं।
  • वहीं, अगर आप वाहन चला रहे हैं, तो उस धीरे से रोककर अंदर ही बैठे रहें। साथ ही ध्यान रखें कि आप किसी बड़ी इमारत, पुल, ओवरपास या पेड़ों के नीचे न हों।
  • भूकंप के झटके के दौरान सीढ़ियों और लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
  • इस दौरान दौड़ भाग न करें और अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न दें। आपातकालीन स्थिति के दौरान सरकारी सूचना पर भरोसा करें।

दिल्ली में क्यों आते हैं बार-बार भूकंप?

राजधानी दिल्ली में बार-बार भूकंप आने की सबसे बड़ी वजह भौगोलिक स्थिति है। दिल्ली-एनसीआर का एरिया हिमालय के नजदीक पड़ता है, जहां पर भारतीय और यूरेशियन प्लेटें टकराती हैं। इसके अलावा दिल्ली की धरती के नीचे कुछ एक्टिव फॉल्ट लाइनों भी मौजूद हैं। दिल्ली-एनसीआर का जो एरिया है, वो भारतीय टेक्टोनिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच की बॉर्डर के पास स्थित है। जब ये प्लेट्स खिसकती हैं या आपस में टकराती हैं, तो ऊर्जा निकलती है, जो भूकंप का कारण बनती है। इससे दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।

बता दें कि दिल्ली-NCR सिस्मिक जोन-IV में आता है, जहां पर भूकंप का खतरा ज्यादा बना रहता है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने भारत को भूकंप के खतरे के लिहाज से 4 क्षेत्रों में बांटा हुआ है, जिसमें जोन-V सबसे खतरनाक है। जबकि सबसे कम खतरा जोन-II के क्षेत्र में रहता है।

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