दिल्ली में प्रदूषण से निपटने का प्लान: सड़कों से हटेंगे 2 लाख ट्रक, CNG में कन्वर्ट होंगी डीजल बसें

दिल्ली में प्रदूषण।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। दिल्ली के लोग दिवाली के कुछ दिन पहले से सर्दी के अंत तक वायु प्रदूषण की मार झेलते हैं। दिल्ली-एनसीआर की सरकारें इस प्रदूषण से निपटने के लिए एक के बाद एक कदम उठाती रहती हैं। वहीं अब केंक्र सरकार भी प्रदूषण से निपटने के लिए खास तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार एक योजना तैयार कर रही है, जो तीन चरणों में लागू की जाएगी।
सरकार की योजना है कि दिल्ली-एनसीआर में जो ट्रक बीएस-6 उत्सर्जन नियमों का पालन नहीं करते, उन्हें धीरे-धीरे सड़कों से हटा दिया जाए। जानकारी के अनुसार, एनसीआर में ऐसे लगभग दो लाख रजिस्टर्ड ट्रक हैं। इसके अलावा आने वाले 5 सालों में सरकारी और निजी लगभग 20,000 डीजल बसों को सीएनजी बसों में बदला जाएगा। इसके अलावा जो ट्रक और डीजल बसें BS-IV उत्सर्जन का पालन नहीं करते और दिल्ली की सीमा में घुसते हैं। उन पर चार्ज लगाया जाना चाहिए। इन तीन रणनीतियों के तहत वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर में जो ट्रक बीएस-6 उत्सर्जन नियमों का पालन नहीं करते, उन्हें धीरे-धीरे सड़कों से हटा दिया जाएगा। केंद्र सरकार ट्रक मालिकों को वित्तीय सहायता और ब्याज पर सब्सिडी देने जैसे विकल्पों पर विचार कर रही है। इसकी मदद से वे अपने पुराने वाहनों को बीएस-6 ट्रकों से बदल सकेंगे। वहीं डीजल बसों को सीएनजी में बदलने पर भी विचार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, डीजल बसों को सीएनजी बसों में बदलने की लागत का अंदाजा पहले से ही लगाया गया है। जल्द ही इस योजना का मॉडल तैयार किया जा सकता है।
सरकारी आंकड़ों की मानें, तो दिल्ली-एनसीआर में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या करीब 3.3 करोड़ है। इनमें से करीब 2.2 करोड़ के पास ही वैध पंजीकरण और फिटनेस सर्टिफिकेट भी हैं। वहीं लगभग सात लाख मध्यम और भारी कमर्शियल वाहन रजिस्टर्ड हैं। इनमें से तीन लाख से ज़्यादा के पास वैध पंजीकरण और फिटनेस सर्टिफिकेट हैं।
