MCD Meeting: ढाई साल बाद नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक आज, इन प्रस्तावों पर हो सकती है चर्चा

दिल्ली एमसीडी मे कारोबारियों की दी बड़ी राहत।
MCD Standing Committee Meeting: हाल ही में दिल्ली नगर निगम (MCD) की स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया गया है। 27 जून यानी शुक्रवार को MCD की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक होगी। बता दें कि ये बैठक खास होने वाली है, क्योंकि ढाई साल बाद स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग होने जा रही है। इस मीटिंग में लंबित परियोजनाओं और अलग-अलग प्रशासनिक कामकाज को समेत 100 से ज्यादा प्रस्ताव पेश किए जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, कमेटी की पहली मीटिंग में कोर्ट से जुड़े प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाएगी।
दिल्ली नगर निगम से जुड़े बहुत से ऐसे प्रस्ताव हैं, जिन्हें स्टैंडिंग कमेटी से मंजूरी नहीं मिल पाई है। इसकी वजह से कई जगहों पर विकास कार्य रुके हुए हैं। शुक्रवार को होने वाली मीटिंग से पहले कमेटी की चेयरमैन सत्या शर्मा ने निगम के अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इसमें MCD के मेयर राजा इकबाल सिंह भी शामिल हुए।
200 से ज्यादा परियोजनाएं लंबित
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले ढाई सालों से 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट लंबित पड़े हैं। दरअसल, MCD की जितनी परियोजनाएं 5 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा की लागत की होती हैं, उनके लिए स्टैंडिंग कमेटी से मंजूरी लेनी पड़ती है। इसकी वजह से बहुत सी परियोजनाएं अटकी हुई हैं। अब कमेटी की बैठक में इन परियोजनाओं पर चर्चा की जा सकेगी, जिसके बाद कई परियोजनाओं को मंजूरी मिल सकती है।
ये प्रस्ताव हो सकते हैं पेश
MCD की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट परियोजना का प्रस्ताव रखा जा सकता है। ये प्लांट नरेला में 15 एकड़ के एरिया में 604 करोड़ की लागत से बनाया जाना है। जानकारी के मुताबिक, इस प्लांट के बनने के बाद रोजाना 3 हजार मीट्रिक टन कचरे का प्रोसेस किया जा सकता है। इससे भलस्वा लैंडफिल साइट पर बने कूड़े के पहा़ड़ों को कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा दिल्ली के जाफराबाद में टेक्नोलॉजी पार्क का निर्माण किया जाना है, जो कि कचरे से कला पर आधारित पार्क होगा। इस प्रोजेक्ट को बैठक में पेश किया जा सकता है।
साथ ही भारत दर्शन पार्क में मल्टीलेवल कार पार्किंग बनाने की परियोजना का प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। वहीं, गाजीपुर स्लॉटर हाउस में 6.8 करोड़ की लागत से इंजेस्टा ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है। इस प्लांट के जरिए पशुओं के पेट से निकलने वाले अपच खाद्य सामग्री या अनाजों को ट्रीट किया जा सकेगा। इसके अलावा ऐसे कई सारी परियोजनाएं हैं, जो काफी समय से लंबित पड़ी हैं।
