Delhi: दिल्ली में बड़े कचरा उत्पादकों पर एक्शन, MCD ने लगाया 85 लाख का जुर्माना

Delhi MCD Action
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दिल्ली में बड़े कचरा उत्पादकों पर एमसीडी ने की कार्रवाई।

Delhi MCD: दिल्ली नगर निगम ने बड़े कचरा उत्पादकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। निगम ने कचरा निपटान के नियमों के पालन न करने पर 32,000 चालान जारी किए हैं, जिनकी कुल राशि 85 लाख रुपये है।

Delhi MCD Action: दिल्ली में रोजाना 100 किलो से ज्यादा कचरा पैदा करने वाली संस्थाओं पर नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की है। दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी की ओर से कई बार चेतावनी और नोटिस जारी की, लेकिन इसके बावजूद ज्यादा बड़े कचरा उत्पादक (बीडब्ल्यूजी) ने निगम में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया। ऐसे में कचरे के कूड़े के पहाड़ों में डंप करने से पहले एमसीडी उन संस्थाओं पर कार्रवाई कर रही है।

दिल्ली में ज्यादातर बीडब्ल्यूजी ऐसे हैं, जो हर दिन 100 किलो से ज्यादा कचरा पैदा करते हैं। इसके बावजूद उन्होंने निगम में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। इसके अलावा वे कचरा निस्तारण के नियमों का भी पालन नहीं करते हैं। ऐसे में एमसीडी ने नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर 32 हजार से ज्यादा चालान जारी किए हैं। इसकी कुल राशि लगभग 85 लाख रुपये है।

कितने लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन?

दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि शहर में कचरे के पहाड़ को खत्म करने के लिए स्रोत पर ही कचरे का निस्तारण जरूरी है। अधिकारी ने बताया कि कचरे के निस्तारण के लिए सभी बीडब्ल्यूजी (बड़े कचरा उत्पादक) को अपने ऑफिस में खाद बनाने के संयंत्र स्थापित करने होते हैं। हालांकि काफी लोग इसका इसमें लापरवाही कर रहे हैं। एमसीडी के अधिकारी के अनुसार, अभी तक सिर्फ 3,749 बीडब्ल्यूजी ने ही निगम के पास रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके लिए पिछले साल एमसीडी ने विशेष अभियान भी चलाया था।

अधिकारी ने बताया कि नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसी कार्रवाई के तहत निगम ने 85 लाख रुपये के 32,000 से ज्यादा चालान जारी किए हैं। इनमें व्यावसायिक प्रतिष्ठान, आरडब्ल्यूए, बैंक्वेट हॉल, होटल, अस्पताल, आवासीय सोसाइटियां और अन्य संस्थान शामिल हैं, जो हर दिन 100 किलो से ज्यादा कचरा पैदा करते हैं।

क्या हैं नियम?

दरअसल, दिल्ली नगर निगम ने बड़े कचरा उत्पादकों के लिए कुछ नियम बनाए हैं। इसके तहत सभी बीडब्ल्यूजी को अपने परिसर में कचरे का निस्तारण करना होता है। नियम के अनुसार, उन्हें गीले और सूखे कचरे को उसके स्रोत पर ही अलग-अलग करना होता है। इसके बाद गीले कचरे को अपने परिसर के अंदर ही निपटान करना होता है, जिससे वे खाद बना सकते हैं।

फिर बचा हुआ सूखा कचरा एमसीडी को सौंपना होता है। एमसीडी के एक अधिकारी ने कहा कि अगर सभी बीडबल्यूजी अपने परिसर में ही खाद बनाना और कचरे का निपटारा करना शुरू कर दें, तो कूड़े के पहाड़ पर पड़े रहे भारी बोझ को कम किया जा सकता है।

किस जोन में कितने बीडब्ल्यूजी रजिस्टर्ड?

एमसीडी के अनुसार, दिल्ली में सिर्फ 3,749 बीडब्ल्यूजी ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें सबसे ज्यादा 1,023 रजिस्ट्रेशन साउथ जोन से कराए गए हैं। इसके अलावा सेंट्रल जोन में 522, नजफगढ़ में 439, वेस्ट जोन में 406, शाहदरा साउथ में 284, शाहदरा नॉर्थ में 29, नरेला में 55 और सिविल लाइंस जोन में 59 बीडब्ल्यूजी रजिस्टर्ड हैं।

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