Stray Dogs: आवारा कुत्तों की नसबंदी-टीकाकरण, मेयर ने बताया MCD कैसे करेगी 'सुप्रीम' आदेशों का पालन

दिल्ली के मेयर इकबाल सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाकर डॉग शेल्टर होम में भेजने के आदेश में संशोधन कर दिया है। शीर्ष न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद वापस गली में छोड़ दिया जाए। यही नहीं, डॉग लवर्स और एमसीडी, दोनों के लिए शर्ते भी तय कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद मेयर इकबाल सिंह का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किस तरह से किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेयर इकबाल सिंह ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। हम सभी को कुत्ते प्रिय हैं, लेकिन हर कोई चाहता है कि आक्रामक कुत्तों का इलाज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुत्तों की वजह से जनता को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। इंसान और जानवर, दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से जो भी निर्देश दिए गए हैं, उनका तेजी से पालन किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो कुत्ते बार-बार इंसानों पर हमला कर रहे हैं, उन्हें शेल्टर होम में रखने की व्यवस्था की जाएगी।
मेयर ने आगे कहा कि एमसीडी के पास 20 पशु जन्म नियंत्रण यानी एबीसी केंद्र हैं। ये सभी केंद्र सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए अभी से कार्य शुरू कर देंगे। इसके अलावा इनकी संख्या बढ़ाने का भी विचार है। उन्होंने दावा किया कि जल्द से जल्द हम सभी आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण करने का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।
यह है पूरा विवाद
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को आदेश दिया था कि दिल्ली एनसीआर की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाकर डॉग शेल्टर होम में रखा जाए। एमसीडी ने इस आदेश के दिन ही आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया था। लेकिन, कई डॉग लवर्स ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त के फैसले में संशोधन कर आदेश दिया कि आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हीं गलियों में छोड़ दिया जाए, जहां से पकड़ा गया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की हो रही सराहना
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सभी सराहना कर रहे हैं। पक्ष हो या विपक्ष, सभी का मानना है कि यह फैसला इंसानों और जानवरों, दोनों के हित में है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा कि हम इसका स्वागत करते हैं। हम देश में जानवरों और इंसानों को बराबर अहमियत देते हैं। प्रकृति को संतुलित बनाए रखने के लिए यह जरूरी है। मैं कहना चाहूंगी कि सुप्रीम कोर्ट को समर्पित भोजन स्थान, पर्याप्त नसबंदी, आवारा पशुओं के लिए चिकित्सा सहायता पर ध्यान देना होगा।'
शिवसेना(UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि पिछला आदेश न केवल अमानवीय था बल्कि यह उस मानवीय मूल्य के भी खिलाफ था, जिस पर सभी विश्वास करते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आवारा कुत्तों का भी पालन-पोषण हो, उनका टीकाकरण हो और उनके लिए निर्धारित भोजन क्षेत्र हों। मुझे यकीन है कि हर कोई इस बात से सहमत होगा। पहले दिया गया एक गलत फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सही कर दिया है। इसी प्रकार, अन्य दल के नेता भी इस फैसले का स्वागत करते हुए अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
